Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत डुमरी प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की 28 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गयी. सोमवार को 7 बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसमें दो छात्राओं की स्थिति गंभीर होने के कारण बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल, गुमला रेफर कर दिया गया.
पीड़ित छात्राओं के अनुसार, रविवार की रात्रि 7 बजे कस्तूरबा विद्यालय की सभी बच्चियों को खाना मिला. जिसमें चावल, दाल, आलू व फूलगोभी की सब्जी दिया गया था. जिसमें आलू और फूलगोभी की सब्जी से दवा का गंध आ रहा था. जिसे कुछ छात्राओं ने खाया एवं कुछ बच्चियों ने सब्जी में गंध आने के कारण सब्जी को नहीं खाया. जिन छात्राओं ने सब्जी खाया. उन्हें रात में लगभग एक घंटे के बाद उल्टी एवं पेट दर्द होना शुरू हो गया. जब इसकी सूचना विद्यालय के वार्डन जेनिफा कुल्लू को हुई, तो उन्होंने उक्त भोजन खाये हुए सभी 28 बच्चियों को रात में सीएचसी, डुमरी में भरती कराया. जहां बच्चियों का इलाज के बाद रात दो बजे वापस विद्यालय लौटी.
वहीं, सोमवार को दोपहर 11 बजे अचानक से कुछ बच्चियों को फिर से तबीयत खराब होने लगा. तब विद्यालय प्रबंधन सदस्यों द्वारा बाइक में बैठाकर बच्चियों को अस्पताल ले जाया गया. जहां 7 बच्चियों का दोबारा इलाज किया गया. गंभीर स्थिति देखते हुए अंजली कुमारी (14 वर्ष) व नीलिमा बडाइक (14 वर्ष) को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल गुमला रेफर कर दिया गया.
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एसडीओ प्रीति किस्कू पीड़ित छात्राओं से मिलने अस्पताल पहुंची. जहां इलाजरत छात्राओं से घटना की जानकारी ली. चिकित्सक को बेहतर इलाज करने के लिए कहा गया. एसडीओ ने कहा कि घटना विद्यालय प्रबंधन की घोर लापरवाही को दर्शाता है. इसकी सूचना विद्यालय प्रबंधन द्वारा न तो विभाग को दी गयी और ना ही पुलिस प्रशासन को. इसके अलावा प्रखंड प्रशासन को भी सूचित नहीं किया गया.
पत्रकारों द्वारा थानेदार मनीष कुमार को सूचना दी गयी. सूचना पाते ही थानेदार विद्यालय पहुंचे. जहां सभी पीड़ित बच्चियों का हाल-चाल पूछताछ कर सभी को दोबारा इलाज कराया गया. सूचना मिलने पर बीइइओ जीतवाहन सिंह, बीपीओ अंजेलिना मिंज और अन्य शिक्षा कर्मी विद्यालय पहुंचे. जहां बीइइओ ने मामले की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए जांच कर संबंधित लापरवाह व्यक्तियों पर कार्रवाई करने की बात न कहकर गोल मटोल जवाब देते हुए मामले को रफा-दफा करने की बातें कही.
बीइइओ जीतवाहन सिंह ने कहा कि मैं तो शिक्षकों के ट्रेनिंग में था. तभी मुझे सूचना मिली कि कस्तूरबा विद्यालय के छात्राओं के साथ घटना घटी है. विद्यालय की वार्डन जेनिफा कुल्लू इस घटना को गंभीरता से नहीं लेते हुए सोमवार को सुबह ही मीटिंग की बातें कह गुमला चली गयी. वहीं, वार्डेन ने कहा कि रात को खाना खाने के बाद छात्राओं ने उल्टी और पेट दर्द होने की शिकायत की, तो तुरंत उसे अस्पताल ले जाकर इलाज कराया गया है.
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इस संबंध में भाजयुमो जिला मंत्री नितेश गुप्ता ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन की घोर लापरवाही नजर आ रही है. रात में 28 बच्चियों का अस्पताल में ले जाकर इलाज कराया गया. जहां किसी भी तरह की कोई सिक्यूरिटी नहीं थी और न ही अस्पताल में डॉक्टर ही उपस्थित थे. ऐसे में इनके साथ किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना घटती, तो इसका जिम्मेवार कौन होता. उन्होंने इस तरह के लापरवाही भरे कार्य करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनपर कार्रवाई करने की मांग की है.
डुमरी अस्पताल के डॉ रोशन खलखो ने कहा की मामला फूड प्वाइजनिंग का है. खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियों में किसी तरह के कीटनाशक के छिड़काव होने से ऐसा मामला हो सकता है. हमने 7 बच्चियों को भर्ती किया है. जिसमें दो बच्चियों को गुमला रेफर किया गया है. साथ ही 20 बच्चियों को देखा दवा देकर विद्यालय में ही आराम करने की सलाह दी है.
डुमरी अस्पताल में इलाजरत शबनम केरकेट्टा, कोमल कुमारी,मोनिका कुमारी, पूनम कुमारी, खुशबू कुमारी, अंजली कुमारी, नीलिमा कुमारी शामिल हैं. जिसमें अंजली कुमारी, नीलिमा कुमारी को बेहतर इलाज के लिए गुमला भेज दिया गया है.
Posted By: Samir Ranjan.