चली गयी आंख की रोशनी
राजकीय उत्क्रमित मवि घाघरा के छात्र मंगलदेव की खेल-खेल में दुजर्य पासवान गुमला : घाघरा प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत कन्या उत्क्रमित मवि घाघरा के छात्र मंगलदेव असुर (11) की स्कूल परिसर में खेल-खेल में दाहिने आंख की रोशनी चली गयी. स्कूल के शिक्षकों ने भी इलाज कराने में देरी की. अगर समय से इलाज हो […]
राजकीय उत्क्रमित मवि घाघरा के छात्र मंगलदेव की खेल-खेल में
दुजर्य पासवान
गुमला : घाघरा प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत कन्या उत्क्रमित मवि घाघरा के छात्र मंगलदेव असुर (11) की स्कूल परिसर में खेल-खेल में दाहिने आंख की रोशनी चली गयी. स्कूल के शिक्षकों ने भी इलाज कराने में देरी की.
अगर समय से इलाज हो जाता, तो छात्र की आंख की रोशनी बचायी जा सकती थी. हालांकि बायां आंख ठीक है. परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
जानकारी के अनुसार बीते 17 दिसंबर 2014 को मंगलदेव अपने दोस्तों के साथ स्कूल परिसर में खेल रहा था. तभी कांच के शीशा से उसके आंख में लग गयी. जिससे दाहिने आंख से खून बहने लगा. उसे घाघरा के बाद गुमला सदर अस्पताल लाया गया. पर यहां डॉक्टर नहीं मिले तो लोहरदगा में डॉ एनके सिन्हा से इलाज कराये. आंख की खराब स्थिति को देखते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. परंतु घर की माली हालात खराब होने के कारण 20 दिसंबर को मंगलदेव को रांची ले जाया गया. जहां डॉ राजू कुमार गुप्ता ने जांच कर आंख में पट्टी बांध दी.
इधर, गुरुवार को जब आंख की पट्टी खोली गयी तो रोशनी गायब थी. मंगलदेव दाहिने आंख से कुछ नहीं देख पा रहा है. परिजन उसे उसी हालात में रांची से अपने घर लेकर देर शाम को पहुंचे.