30 नक्सलियों के खिलाफ गुमला के कुजाम माइंस कैंप पर हमला मामले में FIR, नक्सलियों को घेरने में जुटी पुलिस

jharkhand news: गुमला के कुजाम बॉक्साइड माइंस कैंप पर नक्सली हमला के 48 घंटे बाद FIR दर्ज हुआ है. इस हमले को लेकर पुलिस ने 30 नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं, इस घटना के बाद से पुलिस की सर्च ऑपरेशन तेज हो गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2022 7:08 PM

Jharkhand Naxalites News: गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड के गुरदारी थाना स्थित कुजाम बॉक्साइड माइंस के कैंप में गत 7 जनवरी, 2022 की रात को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा हमला कर 27 वाहनों में आग लगाने के मामले 30 नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. घटना के 48 घंटे के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई है.

इस संबंध में गुमला के एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने बताया कि अधिक वाहन जलने के कारण कागजी प्रक्रिया देर तक होती रही. इसलिए रविवार की देर रात तक प्राथमिकी दर्ज की गयी. उन्होंने कहा कि अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. इस घटना से लेवी का कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि लगातार नक्सलियों के ऊपर पुलिस का दबाव बढ़ रहा है और वह बैकफुट पर आने लगे हैं. जिस कारण नक्सलियों में काफी बौखलाहट है और वह घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाहते हैं. हालांकि, पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया गया है. बहुत जल्द पुलिस को कामयाबी मिलेगी. कहा कि कोई भी संगठन या व्यक्ति द्वारा अप्रिय घटना को अंजाम दिया जायेगा, तो पुलिस उसे कभी नहीं छोड़ेगी. उस पर कार्रवाई किया जायेगा.

Also Read: 2009 के बाद गुमला में नक्सलियों का बड़ा हमला, कुजाम माइंस में 27 गाड़ियों को जलाकर पुलिस को दी चुनौती
24 घंटे से माओवादी को घेरकर रखी है पुलिस

भाकपा माओवादी के हमले के बाद पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हो गयी है. लगातार माओवादी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. घटना को अंजाम देने के बाद माओवादी बिशुनपुर थाना से महज तीन से चार किलोमीटर के अंदर जंगलों में शरण लिए हुए हैं. जिसकी सूचना पुलिस को मिल चुकी है और पुलिस लगातार माओवादी को घेरने का काम कर रही है. बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के नजदीकी जंगल में माओवादी छिपे हुए हैं. जहां 24 घंटे से पुलिस ने घेरकर रखा हुआ है. हालांकि, अब तक पुलिस नक्सलियों के नजदीक नहीं पहुंच पायी है और ना ही पुलिस के द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि की जा रही है.

नक्सलियों के मंसूबे नेक नहीं, 45 दिन में बढ़ी गतिविधियां

पुलिस दबिश के बाद जिस तेजी से भाकपा माओवादी बैकफुट में चले गये थे. उसी तेजी से इधर डेढ़ महीने में नक्सली दोबारा अपने मंसूबे पुलिस को बता दी है. 45 दिन के अंदर भाकपा माओवादी ने दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. वर्ष 2021 के 26 नवंबर को नक्सलियों ने चैनपुर प्रखंड स्थित कुरूमगढ़ थाना के नये भवन को बम विस्फोट कर उड़ा दिया था. इसके बाद 2022 के जनवरी माह में नक्सलियों ने दूसरी बड़ी घटना को अंजाम देते हुए बिशुनपुर प्रखंड के गुरदरी थाना स्थित कुजामपाट माइंस पर हमला किया. अचानक नक्सलियों के इस तेवर के बाद दहशत का माहौल शुरू हो गया है.

इधर, कुजाम माइंस में हमला करने के बाद नक्सली अभी भी बिशुनपुर इलाके में घूम रहे हैं. हालांकि, गुमला जिला की पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों की तलाश की जा रही है. छापामारी अभियान तेज कर दी गयी है. बताया जा रहा है कि सात जनवरी की रात को कुजाम माइंस के कैंप में हमला करने के बाद नक्सलियों का दस्ता समंदरी गांव के जंगली इलाके में घूमते देखे गये थे.

Also Read: Jharkhand Naxalites News: गुमला के बिशुनपुर कुजाम माइंस में नक्सलियों का हमला, दर्जनों गाड़ियों को जलाया
कुजाम माइंस में रहा सन्नाटा

नक्सली हमला के बाद कुजाम माइंस कैंप में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा. यहां किसी प्रकार का काम नहीं हुआ. माइंस में काम कर रोजी-रोटी चलाने वाले लोग भी भी कैंप नहीं पहुंचे. वहीं, कैंप में हमला के बाद जो नुकसान हुआ था. उसे कर्मचारी दुरुस्त करते नजर आये. हमले के बाद से माइंस के लोग दहशत में है. कई कर्मचारी डर से अपने घर चले गये.

15 रुपये टन मिलता था लेवी

माइंस क्षेत्र में नक्सलियों का राज रहा है. कुछ कंपनी के लोग सीधे नक्सलियों को लेवी पहुंचाते रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रति टन बॉक्साइट में 15 रुपये लेवी की रकम नक्सलियों तक पहुंचता है. लेकिन, गुमला के पूर्व एसपी भीमसेन टुटी, चंदन झा और ह्रदीप पी जनार्दनन की पहल पर कंपनी ने नक्सलियों को लेवी देना बंद कर दिया था. लेकिन, इधर दोबारा नक्सली लेवी के लिए कंपनी पर दबाव बनाये हैं. इसलिए कुजाम कैंप पर हमला कर काम बंद करा दिया.

पुलिस का खुफिया तंत्र फेल

गुमला पुलिस अपने खुफिया तंत्र पर समय-समय पर पैसा खर्च करते आ रही है. इसके बाद भी पुलिस को नक्सली गतिविधि की सूचना नहीं मिल रही है. जिसका नतीजा है कि नक्सली अब बेखौफ होकर पुलिस को खुली चुनौती देते हुए बड़े नुकसान कर रहे हैं. जिस प्रकार नक्सलियों ने अपने मंसूबे स्पष्ट किये हैं. अगर पुलिस नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो नक्सली दोबारा बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

Also Read: ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के इतिहास में पहली बार माइंस में सबसे बड़ा नक्सली हमला, करीब 11 करोड़ का नुकसान
गुमला एसपी ने कहा

गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने कुजाम माइंस में हुए नक्सली हमला के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 7 जनवरी की रात 8.30 बजे भाकपा माओवादी के उग्रवादियों ने गुरदरी थाना के कुजामपाठ में 27 गाड़ी व मशीन को क्षतिग्रस्त किया गया है. जिसमें 9 गाड़ी व मशीन पहले से खराब थी. कुछ गाड़ियों को आंशिक क्षति हुई है. इस घटना के बाद गुमला पुलिस द्वारा उग्रवादियों के विरुद्ध सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

45 दिन में तीन बड़ी नक्सली घटना

26 नवंबर 2021 : कुरूमगढ़ थाना भवन को उड़ाया
नौ दिसंबर 2021 : कुरूमगढ़ थाना भवन पर हमला
सात जनवरी 2022 : कुजाम माइंस कैंप पर हमला

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

Next Article

Exit mobile version