माओवादी नेता अरविंद समेत 150 पर एफआइआर

गुमला : गुरदरी थाना के चापीपाट व काटूपानी जंगल में भाकपा माओवादियों के साथ हुए मुठभेड़ मामले में गुमला पुलिस ने 150 से अधिक नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. गुरदरी थाना में मामला दर्ज हुआ है. गुमला सदर थाना के पुअनि सत्येंद्र कुमार सिंह ने केस किया है. इसमें माओवादी सेंट्रल कमेटी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 7:34 AM

गुमला : गुरदरी थाना के चापीपाट व काटूपानी जंगल में भाकपा माओवादियों के साथ हुए मुठभेड़ मामले में गुमला पुलिस ने 150 से अधिक नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. गुरदरी थाना में मामला दर्ज हुआ है. गुमला सदर थाना के पुअनि सत्येंद्र कुमार सिंह ने केस किया है.

इसमें माओवादी सेंट्रल कमेटी के शीर्ष नेता अरविंद सिंह उर्फ देवकुमार सिंह उर्फ निशांत जी समेत 37 नक्सलियों पर नामजद केस किया गया है. इसमें एक नक्सली बिशुनपुर प्रखंड के निरासी करचा गांव के कृष्णा उरांव को पुलिस ने पकड़ा है. जिसे सोमवार को जेल भेजा गया. जेल भेजने से पहले उसका गुमला सदर अस्पताल में मेडिकल कराया गया.

नक्सलियों ने 1000 व पुलिस ने 400 राउंड गोली चलायी

प्राथमिकी के अनुसार जब अरविंद जी के दस्ते व सीआरपीएफ कोबरा 209 बटालियन के साथ मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ 19 फरवरी की रात 11 बजे से शुरू हुई, जो दो बजे तक चला. इसमें पुलिस की ओर से 400 व नक्सलियों की ओर से 1000 से अधिक राउंड फायरिंग दिखाया गया है. इसमें कुछ नक्सलियों के गोली लगने की बात भी कही गयी है. अभियान में कोबरा 209 बटालियन के कमांडेंट विवेकानंद सिंह, सहायक कमांडेंट प्रवीण कुमार हुड्डा के अलावा एएसपी पवन कुमार सिंह, एसडीपीओ मोहम्मद अरशी, पुअनि सत्येंद्र कुमार सिंह व जवान थे.

इन नक्सलियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज

माओवादी के शीर्ष नेता अरविंद सिंह उर्फ निशांत जी उर्फ देवकुमार सिंह, रोहित जी, आशीष जी, चरचमा विकास उर्फ दिनेश यादव उर्फ बालकेश्वर उरांव, रीतलाल जी, विजय यादव, छोटू सिंह खेरवार, सुजीत जी, सौरभ उर्फ मार्क्‍स बरवा, अमन जी, संतोष जी, अनुराग जी, अरविंद जी, प्रिंस जी, विमल जी उर्फ उमेश, मनीष जी, तुफान जी, अजरुन जी, अजीत जी, छोटू उर्फ मिस्टर, नकुल यादव, रविंद्र गंझू, सिलवेस्टर जी, शैलेश जी उर्फ दीपक खेरवार, मृत्युंजय भुइंया, अमरेश्वर यादव, अंगन गंझू, मुनेश्वर गंझू, बिरसाय गंझू, दीपक खेरवार, गजेंद्र साव, बालक गंझू, मदन यादव, बलराम उरांव, रंथु उरांव, दिलवर नायक उर्फ दिलधर नायक, प्रसाद जी उर्फ रामप्रसाद लकड़ा, लालदेव उरांव उर्फ बीरबल जी व कृष्णा उरांव पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है.

जेजेएमपी की भी उपस्थिति की सूचना

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पुलिस को जब गुप्त सूचना मिली कि चापीपाट व काटूपानी में भाकपा माओवादी का दस्ता रुका हुआ है. पुलिस को वहीं यह भी सूचना मिली कि जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद्) के उग्रवादी भी वहां जुटे हुए हैं. परंतु जब पुलिस वहां पहुंची तो जेजेएमपी के उग्रवादी नहीं मिले. माओवादी सिर्फ जमे हुए थे. जिनसे पुलिस की मुठभेड़ हुई. पुलिस के अनुसार जेजेएमपी के उग्रवादी पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां से निकल गये थे.

300 से अधिक जवान चला रहे अभियान

गुमला : चापीपाट व काटूपानी जंगल में 300 से अधिक पुलिस के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इसमें गुमला पुलिस के अलावा रांची से आयी कोबरा 209 बटालियन के भी जवान हैं. माओवादियों से मुठभेड़ खत्म होने के बाद पुलिस लगातार उसी इलाके में जमे हुए हैं. क्योंकि माओवादी के शीर्ष नेता अरविंद जी की छड़ी व चश्मा मिलने के बाद पुलिस को शक है कि उसे गोली लगी है.

क्योंकि मुठभेड़ में अरविंद जी के तीन बॉडीगार्ड मारे गये हैं. यहां तक कि अरविंद जिस घोड़े पर सामान लाद कर चलते थे, वह घोड़ा भी गोली लगने से मरा है. इसलिए पुलिस पूरे जंगल की घेराबंदी कर लगातार अभियान चला रही है. पुलिस को लग रहा है कि अरविंद जंगल में ही छिपा हुआ है. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अरविंद के घिरने की सूचना पर नकुल यादव अपने दस्ते के साथ वहां पहुंच कर अरविंद को सकुशल सेफ जोन में ले गया है. तीन नक्सलियों की मौत पर उन्हें काटूपानी जंगल में दफना दिया गया है. वहीं जिन लोगों को गोली लगी है, इलाज जंगल में ही कराया जा रहा है.

एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अभी भी माओवादी उसी इलाके में जमे हैं. पुलिस वहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.

मुठभेड़ हो सकती है दोबारा : पुलिस रणनीति के तहत जंगलों में छापामारी अभियान चला रही है. वहीं अरविंद जी के दस्ते को नुकसान पहुंचने के बाद गुमला जोन के माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. संभवत: उस इलाके में पुन: माओवादियों के साथ मुठभेड़ हो सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के अभियान में जेजेएमपी के लोग भी हैं. परंतु पुलिस इस बात से इनकार कर रही है.

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