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सिद्धांतों व मूल्ययुक्त समाज का निर्माण करना है : एचएम

गुमला : संत इग्नासियुस हाई स्कूल गुमला में शनिवार को गुरु गोष्ठी सह नवनामांकित बच्चों का स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने, बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में अभिभावकों की भूमिका. स्कूल में बच्चों के प्रति शिक्षक के दायित्व, संत इग्नासियुस हाई स्कूल के स्थापना का उद्देश्य, अशिक्षा के कारण, […]

गुमला : संत इग्नासियुस हाई स्कूल गुमला में शनिवार को गुरु गोष्ठी सह नवनामांकित बच्चों का स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने, बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में अभिभावकों की भूमिका.
स्कूल में बच्चों के प्रति शिक्षक के दायित्व, संत इग्नासियुस हाई स्कूल के स्थापना का उद्देश्य, अशिक्षा के कारण, मानव तस्करी, मजदूरों का पलायन, डायन-बिसाही को लेकर हो रहे क्राइम, निदरेष हत्याएं सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा किया गया. प्रिंसिपल फादर इरेनसियुस मिंज ने कहा कि हम सभी को एक बेहतर समाज का नवनिर्माण करना है, जो सच्चे सिद्धांतों और मूल्यों पर आधारित हो. लेकिन यह तभी संभव होगा, जब हम एक साथ मिल कर काम करें.
हम अपने-अपने कर्त्तव्यों और दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करेंगे तो, स्वत: ही एक स्वच्छ और सुंदर समाज की रचना होगी. जो हमारे सोच से हजारों गुणा बेहतर होगा.
लेकिन यह तभी संभव है. जब हम शिक्षित और जागरूक होंगे. शिक्षा सभी लोगों का का जन्म सिद्ध अधिकार है. इसलिए किसी भी अभिभावक को बच्चे के उस जन्म सिद्ध अधिकार का नहीं छीनना चाहिए. इस दौरान फादर इरेनसियुस ने संत स्कूल के स्थापना के उद्देश्यों के बारे में बताया कि यहां इस स्कूल के स्थापना का मूल उद्देश्य इस क्षेत्र के गरीब, कमजोर वर्ग, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों के उत्थान व विकास के लिए किया गया है.
येशु समाजी फादरगण काथलिक चर्च के सदस्य संत इग्नासियुस लोयोला द्वारा सन 1540 में धर्म समाज सोसाइटी ऑफ जीजस की स्थापना के साथ ही संत इग्नासियुस स्कूल का भी शुभारंभ हो गया है. इसके बाद ही पूरे भारत देश में धर्म समाज ने अनेकों प्रमुख शिक्षण संस्थाओं का निर्माण किया. तब से लेकर अब तक संत इग्नासियुस इस क्षेत्र में शिक्षा के दीप को प्रज्ज्वलित रखते हुए लोगों के उत्थान व विकास के लिए अनवरत कार्यरत है. शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी के लिए चरित्र निर्माण शिक्षा का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. ताकि हर विद्यार्थी ज्ञान से सामथ्र्यवान बन कर ऐसा ज्ञानवान व गुणवान बनें कि वह एक नये समाज का नवनिर्माण कर सके.
इस अवसर पर फादर मनोहर खोया, फादर प्रफुल्ल एक्का, कुलदीप बा, विजय नारायण, पवन किंडो, राकेश सर, मुकेश ठाकुर, अजीता लकड़ा सहित स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं व नवनामांकित बच्चे व दर्जनों अभिभावक उपस्थित थे.

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