16000 में 4000 चापानल खराब, 560 चापानलों की विशेष मरम्मत की जरूरत, जलसंकट पर डीसी व अधिकारियों की बैठक
ज्ञात हो कि 100 की आबादी पर एक चापानल निर्माण का प्रावधान है. बताया गया कि जिले के घाघरा, पालकोट एवं जारी प्रखंडों में पेयजल की व्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है. इस पर उपायुक्त ने प्रति पंचायत पांच-पांच चापानल संबंधित क्षेत्रों के विधायक की अनुशंसा पर लगवाने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने चापाकल लगाने के लिए स्थल निरीक्षण के बाद इसकी इसकी सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश पीएचईडी को दिया.
गुमला : जल संकट को लेकर प्रभात खबर में छप रही खबरों पर उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा गंभीर हैं. मंगलवार को उपायुक्त ने अधिकरियों के साथ बैठक की. गुमला के पेयजलापूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए पीएचईडी विभाग को दिशा निर्देश दिये. पीएचईडी विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 16000 चापानल है. जिसमें से 12000 चापानल क्रियाशील है. इनमें से 4000 चापाकलों की मरम्मत की आवश्यकता है. वहीं जिले में 560 ऐसे चापाकल हैं. जिसकी विशेष मरम्मत विभाग द्वारा की गयी है.
ज्ञात हो कि 100 की आबादी पर एक चापानल निर्माण का प्रावधान है. बताया गया कि जिले के घाघरा, पालकोट एवं जारी प्रखंडों में पेयजल की व्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है. इस पर उपायुक्त ने प्रति पंचायत पांच-पांच चापानल संबंधित क्षेत्रों के विधायक की अनुशंसा पर लगवाने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने चापाकल लगाने के लिए स्थल निरीक्षण के बाद इसकी इसकी सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश पीएचईडी को दिया.
बैठक में उपायुक्त ने जिलांतर्गत संचालित जलापूर्ति योजनाओं के अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की. जिस पर बताया गया कि वर्तमान में जिले में सात जलापूर्ति योजनाएं संचालित है. जिसमें बसिया प्रखंड में बड़ी जलापूर्ति योजना के लंबित होने से पेयजलापूर्ति बाधित है. इस पर उपायुक्त ने बसिया प्रखंड में पुनः लंबित जलापूर्ति योजना को सक्रिय करने के उद्देश्य से पीएचईडी को जिले से राशी की मांग के लिए प्राक्कलन तैयार कर समर्पित करने का निर्देश दिया.
वहीं उपायुक्त ने नगर प्रबंधक नगर परिषद से शहरी क्षेत्रों में संचालित जलापूर्ति योजनाओं के तहत चापाकलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. जिस पर उपायुक्त ने पाया कि शहरी क्षेत्रों में कुल 351 चापानल है. जिसमें से तीन चापानलों की मरम्मति नगर परिषद द्वारा करायी गयी है. उपायुक्त ने 22 वार्डों में वैसे स्थान जहां पेयजल की अधिक समस्या है. वहां पर विशेष ध्यान देते हुए जलापूर्ति की सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया.
उपायुक्त ने शहरी क्षेत्रों में घर-घर नल जल कनेक्शन के माध्यम से आच्छादित घरों की भी जानकारी प्राप्त की. जिस पर बताया गया कि शहरी क्षेत्रांतर्गत लगभग 11000 की आबादी के आधार पर 2548 घर ही नल जल की व्यवस्था से आच्छादित है. इस पर उपायुक्त ने नगर परिषद को वैसी जलापूर्ति योजनाओं का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने का निर्देश दिया.
जिसके तहत नल जल कनेक्शन के माध्यम से शत-प्रतिशत परिवार आच्छादित हो सकें. साथ ही नगर परिषद को शहरी सौंदर्यीकरण, फुटपाथ निर्माण, जलापूर्ति के लिए पुराने पाईप के स्थान पर नये पाइप के अधिष्ठापन से योजनाओं का प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. बैठक में निदेशक इंदु गुप्ता, डीडीसी संजय बिहारी अंबष्ठ, एसी सुधीर कुमार गुप्ता सहित कई लोग थे.