बंदूक के जोर पर कुछ भी संभव
स्कूल से 15 दिन से गायब रहनेवाले बच्चों के परिजनों से मिल कर जांच करने का निर्देश दिया दुजर्य पासवान गुमला : नक्सलियों द्वारा बच्चों को उठा कर ले जाने व उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के संबंध में राज्य सरकार एटीआइ के निदेशक डॉ प्रवीण शंकर ने कहा है कि बंदूक की जोर […]
स्कूल से 15 दिन से गायब रहनेवाले बच्चों के परिजनों से मिल कर जांच करने का निर्देश दिया
दुजर्य पासवान
गुमला : नक्सलियों द्वारा बच्चों को उठा कर ले जाने व उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के संबंध में राज्य सरकार एटीआइ के निदेशक डॉ प्रवीण शंकर ने कहा है कि बंदूक की जोर पर कुछ भी मुमकिन है.
बच्चों को इस प्रकार उठा कर ले जाना अनुचित कार्य है. इस पर रोक लगे. इसके लिए प्रशासन काम कर रहा है. डॉ शंकर गुरुवार को गुमला में थे. वे स्कूल चलें चलायें अभियान के तहत गुमला पहुंचे थे. अधिकारियों से बैठक करने के बाद वे सर्किट हाउस में प्रभात खबर से बात कर रहे थे.
उन्होंने इस संबंध में डीसी गौरी शंकर मिंज को कई दिशा-निर्देश दिये. वहीं झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने गुमला दौरा के क्रम में डीएसइ सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा को इस संबंध में कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. अध्यक्ष ने डीएसइ से कहा है कि जो बच्चे 15 दिन से स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनकी उपस्थिति जांच करने के बाद बच्चों के परिजनों से जाकर शिक्षक, सीआरपी या बीआरपी जाकर मिलें. बच्चों के बारे में जानकारी लें कि वे कहां हैं.
अगर शिक्षा विभाग लगातार इस प्रकार का अभियान चलाये तो निति रूप से अभी जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसपर अंकुश लगेगा.
उन्होंने छह से 11 व 11 से 14 वर्ष के बच्चों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है. वहीं जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के सभी बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने के लिए कहा गया है. जिससे बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो सकेंगे. डीएसइ श्री तिग्गा ने कहा है कि नक्सलियों द्वारा ले जाये गये बच्चे स्कूल में पढ़ते थे या नहीं, इसकी जांच की जायेगी. जो बच्चे गायब हुए हैं, उनके परिजनों से पोषक क्षेत्र के शिक्षक जाकर मिलेंगे और पूछताछ करेंगे. इसके बाद बच्चों का नामांकन स्कूलों में कराया जायेगा.