नकुल सहित 45 नक्सलियों पर एफआइआर
नकुल समेत दस नक्सली नामजद व 35 अज्ञात नक्सलियों द्वारा ले गये 17 बच्चों का नाम मिला. बहुत पूछताछ के बाद बच्चों के नाम पता चला मामला : नक्सलियों द्वारा बच्चों को ले जाना दुजर्य पासवान गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के गांवों से बच्चों को उठा कर ले जाने के मामले में पुलिस ने भाकपा […]
नकुल समेत दस नक्सली नामजद व 35 अज्ञात
नक्सलियों द्वारा ले गये 17 बच्चों का नाम मिला.
बहुत पूछताछ के बाद बच्चों के नाम पता चला
मामला : नक्सलियों द्वारा बच्चों को ले जाना
दुजर्य पासवान
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के गांवों से बच्चों को उठा कर ले जाने के मामले में पुलिस ने भाकपा माओवादी के नक्सलियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है. अखबार में खबर छपने के बाद हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज किया है.
इसमें नकुल यादव सहित 10 हार्डकोर नक्सलियों को नामजद और 35 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया है. नक्सलियों द्वारा उठा कर ले गये 17 बच्चों के नाम भी पुलिस ने खोज निकाला है. ये सभी बच्चे अभी माओवादी दस्ते में है.
पुलिस के अनुसार लड़कियों के साथ ईल हरकत व बालकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है. डरा धमका कर सभी बच्चों को रखा जाता है. इस मामले में गुमला व लातेहार एसपी के संयुक्त पत्र के बाद बिशुनपुर थाना के पुअनि संजय कुमार वर्मन ने केस किया है. पुलिस स्वयं प्रभावित गांव गयी थी. जहां लोगों से बातचीत की. इसके बाद नक्सलियों द्वारा ले जाये गये बच्चों के नाम मिले हैं.
लड़कियों के साथ होती है ईल हरकत
दर्ज केस में कहा गया है कि पुलिस ने बालमुनी से बयान लिया है. जिसमें उसने कहा है कि उसे नक्सली दो बार उठा कर ले गये थे. उसी ने बताया है कि माओवादी लड़कियों के साथ ईल हरकत करते हैं. बालमुनी 27 मार्च को लातेहार जिला के खैरा जंगल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हुई थी. इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ा था. अभी उसका इलाज चल रहा है.
पुलिस सबसे पहले कुमाड़ी गांव गयी थी. जहां नक्सलियों द्वारा बच्चों को उठा कर ले जाने की जानकारी ग्रामीणों से ली.
यहां से सात बच्चों के नाम मिले हैं. इसके बाद पुलिस गोबरसेला गांव गयी. जहां ग्रामीणों ने 10 बच्चों के नाम बताये हैं. पुलिस के अनुसार शुरू में ग्रामीण कुछ भी बताने से इंकार कर रहे थे. कुछ लोगों ने गुप्त रूप से नाम बताया है. पुलिस जांच में पता चला है कि एक माह पहले नकुल अपने दस्ते के साथ गोबरसेला, अंवराटोली, बोरहा गांव होते हुए कुमाड़ी गांव पहुंचा था और बच्चों को ले गया.
नक्सलियों के नाम, जिन पर केस हुआ : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नकुल यादव, मदन यादव, रविंद्र गंझू, शैलेश उर्फ दीपक खेरवार, बलराम उरांव, अमरेश्वर यादव, अगन गंझू, मुनेश्वर गंझू, सिलवेस्टर, बालक गंझू, लालदेव उरांव उर्फ बीरबल सहित 35 अज्ञात नक्सली हैं.
बच्चों के नाम, जिन्हें नक्सली ले गये हैं : कुमाड़ी गांव की भानु प्रिया पिता महुरी उरांव, सारो खेरवार पिता घुमा खेरवार, सचिन उरांव पिता राजू उरांव, कृष्णा उरांव पिता मिकू उरांव, जमुना उरांव पिता समीर उरांव, जगेश्वर उरांव पिता राजदेव उरांव, गोबरसेला गांव के रविंद्र उरांव पिता महावीर उरांव, विष्णु उरांव पिता मिटकू उरांव, उपेंद्र उरांव पिता लालसाय उरांव, हरिलाल उरांव पिता सहदेव उरांव, फुलदेव उरांव पिता रामे उरांव, किस्मती कुमारी पिता विश्रम उरांव, बृज खेरवार पिता तेजुवा खेरवार, दुर्गेश उरांव पिता स्वर्गीय बुद्धराम उरांव, मोहन लोहरा पिता रामलाल लोहरा, दिलेश्वर नायक पिता कलेश्वर नायक व लुटवा लोहरा का बेटा है.
डीआइजी ने दिये दिशा निर्देश :
डीआइजी अरुण कुमार रविवार की शाम को गुमला आये थे. यहां उन्होंने गुमला, लातेहार व लोहरदगा जिला के एसपी से बैठक किये. नक्सलियों द्वारा बच्चों को उठा कर ले जाने के मामले में दिशा निर्देश दिये. जिन गांवों से बच्चों को नक्सली उठा कर ले गये हैं. उनका पता करने व एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.