गुमला जिला में पहले दिन 450 क्विंटल धान की हुई खरीदारी, लैंपस में दान बिक्री करने के ये हैं फायदे
गुमला जिला में संचालित 18 लैंपस व पैक्स के धान अधिप्राप्ति केंद्र का उदघाटन बुधवार को हो गया है. उदघाटन के पहले दिन ही धान अधिप्राप्ति केंद्रों में 450 क्विंटल धान की खरीद की गयी है.
गुमला : गुमला जिला में संचालित 18 लैंपस व पैक्स के धान अधिप्राप्ति केंद्र का उदघाटन बुधवार को हो गया है. उदघाटन के पहले दिन ही धान अधिप्राप्ति केंद्रों में 450 क्विंटल धान की खरीद की गयी है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी (डीएसओ) गुलाम समदानी ने बताया कि धान अधिप्राप्ति केंद्रों के उदघाटन के साथ ही धान अधिप्राप्ति का काम भी शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि धान में अभी भी नमी (मॉश्चर) है. ऐसी स्थिति में धान खराब हो सकता है.
इससे बचने के लिए केंद्र में पूर्व से उपलब्ध मॉश्चराइजर मशीन का उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में धान का उत्पादन करनेवाले किसानों का लैंपस में निबंधन किया जा रहा है. ताकि निबंधित किसानों से धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान खरीदा जा सके. उन्होंने बताया कि खुले बाजार में धान की बिक्री करने पर किसानों को सीधे तौर पर नुकसान होता है. भले ही पैसा नकद मिलता है. परंतु पैसा कम रहता है.
यदि किसान लैंपस में निबंधन कराने के बाद धान अधिप्राप्ति केंद्र में अपने धान की बिक्री करते हैं तो प्रति क्विंटल पर किसानों को 2050 रुपये मिलेगा. इसमें किसानों को धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपये एवं सरकार की ओर से बोनस के रूप में 110 रुपये दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि धान उत्पादन करनेवाले किसानों के निबंधन पर फोकस कर काम किया जा रहा है.
जिले के जिस क्षेत्र में धान की अधिक पैदावार होती है और उस क्षेत्र के जिन किसानों ने अब तक निबंधन नहीं कराया है. वैसे लोगों पर फोकस कर काम कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि अधिकाधिक किसानों का निबंधन करें. ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके. उन्होंने बताया कि किसान अपने धान को बाजार में औने-पौने दामों में बेच देते हैं. परंतु धान अधिप्राप्ति केंद्र में किसानों को उनकी फसल का समुचित दाम मिलेगा. उन्होंने बताया कि पूर्व से जिले में कुल 18 धान अधिप्राप्ति केंद्र है.