::4:: जंगल से कट रहे पेड़, विभाग मौन
सूखे पेड़ों को छोड़ कर हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. 1 गुम 8 में सूखे पेड़ को छोड़ कर हरे पेड़ों की हो रही कटाई.प्रतिनिधि, गुमलाजिले के विभिन्न जंगली क्षेत्रों के बडे़-बड़े पेड़ों को बेधड़क काटा जा रहा है. लेकिन पेड़ों की अवैध और अंधाधुंध हो रही कटाई पर रोक लगाने की दिशा […]
सूखे पेड़ों को छोड़ कर हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. 1 गुम 8 में सूखे पेड़ को छोड़ कर हरे पेड़ों की हो रही कटाई.प्रतिनिधि, गुमलाजिले के विभिन्न जंगली क्षेत्रों के बडे़-बड़े पेड़ों को बेधड़क काटा जा रहा है. लेकिन पेड़ों की अवैध और अंधाधुंध हो रही कटाई पर रोक लगाने की दिशा में वन विभाग अथवा प्रशासन ने कोई ठोस पहल नहीं किया है. यही वजह है कि लकड़ी माफिया आज भी सक्रिय हैं. जंगलों से पेड़ों की अवैध कटाई अभी भी जा रही है. लकड़ी माफिया बेखौफ होकर जंगल में घुस कर और बड़े-बडे़ पेड़ों को काट कर ले जाने में हिचकिचा तक नहीं रहे हैं. सिकोई जंगल में ही देखा गया कि तीन से चार युवक एक बड़े पेड़ को काट रहे थे. उसके कुछ दूरी पर एक बड़ा जड़ के समीप से आरी से काट कर समीप के पेड़ पर टेका देकर छोड़ दिया गया था. वहीं आसपास में पेड़ों के कटे हुए ठूंठ भी दिखायी दे रहे थे. लेकिन यहां सबसे दु:खद बात यह है कि जिस बडे़ पेड़ को काट कर समीप के पेड़ से टिका कर रखा गया था. वहीं समीप में महज 10 कदम की दूर पर एक बड़ा से सूखा पेड़ भी था. लकडि़यों ने माफियाओं ने उक्त सूखे पेड़ को काटना मुनासिब नहीं समझा और हरे-भरे पेड़ को काट दिया. यह तो हुई जंगलों की बात. लेकिन अब यदि हम शहर की बात करें तो घाघरा प्रखंड से गुमला आनेवाली सड़क के किनारे लगे पेड़ों को भी नहीं बख्शा गया है. वहां के पेड़ों को लोग काट कर ले गये. वहां अब पेड़ कम और ठूंठ ज्यादा दिखायी देता है.