गुमला : झारखंड राज्य के 480 लोग आंध्र प्रदेश के हरिकोटा में फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के बाद से ये लोग अपने गांव- घर आना चाह रहे हैं. पंजीयन कराया. हेल्पलाइन नंबर में कॉल की, लेकिन सरकार के स्तर से मदद नहीं मिली. दो दिन पहले मजदूरों ने झारखंड व आंध्र प्रदेश के सीएम व कई अधिकारियों को ट्वीट कर मदद मांगी है. घर पहुंचाने की गुहार लगायी है. पूरा मामला क्या है. पढ़ें, प्रभात खबर, गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट.
मजदूरों ने मिशन बदलाव के माध्यम से प्रभात खबर को अपना वीडियो भी भेजा है. मजदूरों ने अपनी दुर्दशा बतायी है. मजदूरों ने कहा है कि मदद नहीं मिली, तो पैदल घर जायेंगे. अपने गांव- घर पहुंचने के बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जवाब देंगे. इसमें अधिकांश मजदूर व मिस्त्री गुरुकुल के हैं और झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से प्लेसमेंट कर आंध्र प्रदेश भेजे गये हैं. मजदूरों ने कहा कि हम यहां मजदूरी करने आये थे, ताकि हमारी गरीबी दूर हो सके. लेकिन, सरकार द्वारा मदद नहीं मिलने से फजीहत झेलनी पड़ रही है.
Also Read: माह-ए-रमजान में गुमला शहर के मुसलिम युवा निभा रहे मानवता का फर्ज
मदद नहीं मिली तो भूखे मर जायेंगे
हरिकोटा काम करने गये 480 में से 42 लोग गुमला जिले के रहने वाले हैं. इन लोगों ने कहा है कि सरकार हमें संकट से निकाले. मजदूरों ने यह भी जानकारी दी कि सरकार से मदद नहीं मिलने के बाद मिशन बदलाव से संपर्क किया था. संपर्क के 24 घंटे बाद मिशन बदलाव के साथी विरेन भुट्ठा द्वारा मजदूरों को 10 हजार रुपये खाने- पीने के लिए आंध्र प्रदेश में व्यवस्था कराया है. मजदूर सुनील बरला व मुंशी उरांव ने कहा कि 10 हजार रुपये की जो मदद मिली थी, वह अब खत्म होने वाला है. अगर पैसा खत्म होने से पहले हमें मदद नहीं मिली, तो फिर हमें भूखे रहना पड़ेगा.
Also Read: घर लौट रहे झारखंड-बिहार के मजबूर प्रवासी श्रमिकों की रोंगटे खड़ी कर देने वाली कहानियां
ट्वीट कर मजदूरों की स्थिति बतायी
मजदूरों की समस्या को देखते हुए मिशन बदलाव ने झारखंड व आंध्र प्रदेश के सीएम के अलावा गुमला डीसी, रेलवे मंत्रालय सहित कई लोगों को ट्वीट कर मजदूरों को वापस गृह जिला लाने की मांग किया है. ट्वीट कर कहा गया है कि अगर दो- तीन दिन के अंदर मदद नहीं पहुंचायी जाती है, तो मजदूर संकट में फंस जायेंगे.
इन मजदूरों को जल्द मिले मदद : भूषण भगत
मिशन बदलाव के संयोजक भूषण भगत ने कहा कि गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, रांची, खूंटी के अलावा दूसरे राज्यों के 480 से 500 मजदूर आंध्र प्रदेश के हरिकोटा में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को वापस लाने की पहल सरकार के स्तर से नहीं हो रही है. इस मुददे को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से समय लेकर बात की जायेगी. मजदूरों ने कहा है कि मदद नहीं मिली, तो ही पैदल अपने घर आयेंगे.