:10:::: स्वास्थ्य उपकेंद्र में नहीं होता इलाज
हाल : खरका गांव के स्वास्थ्य उपकेंद्र का.13 गुम 2 में बेकार पड़ा स्वास्थ्य उपकेंद्र.प्रतिनिधि, गुमलागुमला से 15 किमी दूरी पर खरका गांव है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र है, लेकिन इलाज नहीं होता है. मजबूरन लोग झाड़ फूंक कराने को विवश हैं. हालांकि कभी कभार नर्स आते हैं. लेकिन भवन की जर्जर स्थिति, दवा की कमी […]
हाल : खरका गांव के स्वास्थ्य उपकेंद्र का.13 गुम 2 में बेकार पड़ा स्वास्थ्य उपकेंद्र.प्रतिनिधि, गुमलागुमला से 15 किमी दूरी पर खरका गांव है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र है, लेकिन इलाज नहीं होता है. मजबूरन लोग झाड़ फूंक कराने को विवश हैं. हालांकि कभी कभार नर्स आते हैं. लेकिन भवन की जर्जर स्थिति, दवा की कमी व सुविधाओं के अभाव के कारण लोग केंद्र में नहीं जाते हैं. लोग स्थानीय स्तर पर जड़ी बूटी की दवा का उपयोग करते हैं. वर्ष 1996 ई में बने भवन में खिड़की व दरवाजा नहीं है. प्लास्टर भी टूट गया है. पूरा भवन खंडहर की तरह दिखता है. कभी मरम्मत व रंग-रोगन नहीं हुआ है. ऐसे अधिकांश समय उक्त केंद्र में जानवर आश्रय लिये रहते हैं. गांव के लोगों की माने तो 10 से 12 दिन में नर्स आती हैं. समाज सेवी हेमंत दुबे ने बताया कि खरका की पांच हजार आबादी के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र शो पीस बन कर रह गया है. यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. इस कारण स्थानीय लोगों को इलाज के लिए परेशानी होती है. लोगों ने नियमित नर्स की उपस्थिति, दस दिन में एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति व अस्पताल भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए मरम्मत की मांग की है.