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खटवा नदी का पुल हो सकता है ध्वस्त

गुमला : गुमला व लोहरदगा मार्ग पर स्टेट हाइवे पर स्थित खटवा नदी का पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. क्योंकि पुल के बीच का दो पिलर (पाया) दो फीट तक नदी में धंस गया है. पुल का कुछ हिस्सा भी खिसक गया है. कई स्थानों पर हल्की दरार पड़ गयी है. शहर से […]

गुमला : गुमला व लोहरदगा मार्ग पर स्टेट हाइवे पर स्थित खटवा नदी का पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. क्योंकि पुल के बीच का दो पिलर (पाया) दो फीट तक नदी में धंस गया है. पुल का कुछ हिस्सा भी खिसक गया है. कई स्थानों पर हल्की दरार पड़ गयी है.
शहर से पांच किमी दूर खटवा नदी में यह पुल चार साल पहले पथ प्रमंडल विभाग से दो करोड़ रुपये की लागत से बनी थी. वर्ष 2010 में निर्माण के समय ही पुल की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया गया था. लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया. अगर पुल गिरा तो गुमला का संपर्क लोहरदगा के अलावा पलामू प्रमंडल से कट जायेगा. हालांकि पथ प्रमंडल विभाग को जैसे ही पुल का पाया धंसने व खिसकने की सूचना मिली, इसकी जानकारी विभाग के वरीय अधिकारियों को रांची में दी गयी है.
एसपी ने पुल की स्थिति से कराया अवगत : पुलिस द्वारा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी दौरान पुलिस की नजर उक्त पुल के पाया पर पड़ी.
पुल का कुछ हिस्सा धंसा देखा. इसके बाद एसपी भीमसेन टुटी ने पत्र लिख कर इसकी जानकारी प्रशासन व विभाग को देते हुए पुल की मरम्मत करने को कहा.
एसपी ने कहा है कि पुल गिरने से काफी परेशानी हो सकती है.
जांच के लिए सेंट्रल कमेटी गुमला आयेगी : पथ प्रमंडल विभाग गुमला के कार्यपालक अभियंता रामकुमार प्रसाद ने कहा कि पुल का दो पिलर एक फीट नीचे धंस गया है. एसपी ने पत्र लिखा था. इसके बाद इसकी जानकारी रांची के अधिकारियों को दी गयी है. एक सप्ताह के अंदर सेंट्रल जांच टीम गुमला आनेवाली है. इसके बाद पुल को क्या करना है. इसपर निर्णय लिया जायेगा. अभी पुल से बड़े वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है. इसके लिए बोर्ड भी लगाया गया है.
खोखले पाया के नीचे पत्थर डाला है
बारिश के पानी से पुल का पाया नीचे से खोखला हो गया है. एक पाया का कुछ हिस्सा नीचे से टूट भी गया है. जिससे पाया नदी में धंसने के बाद खिसक गया है. एसपी का पत्र मिलते ही पथ प्रमंडल विभाग हरकत में आया. पाया नीचे और धंसते हुए पुल को ध्वस्त न कर दें. इसके लिए विभाग द्वारा पाया के खोखले स्थान पर पत्थर का टुकड़ा डाला गया है. वहीं पाया के एक छोर पर पत्थर का छोटा मेढ़ बांधा गया है. जिससे नदी का बालू बह कर उस खोखले स्थान पर भर जाये और पाया को धंसने से रोक सके.
दोषी इंजीनियर पर एफआइआर हो
कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष रमेश कुमार चीनी व उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सतीश प्रसाद ने कहा है कि गुमला व लोहरदगा के लिए यह पुल जीवन रेखा है. अगर यह पुल ध्वस्त हुआ तो काफी परेशानी होगी. जब शुरूआती क्षण में ही पुल की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया गया था, तो उस समय क्यों सुधार नहीं किया गया. इससे स्पष्ट है कि पथ प्रमंडल विभाग संवेदक से मिल कर लीपापोती किया है. इसकी जांच कर दोषी इंजीनियर व संवेदक के खिलाफ एफआइआर हो.
विभाग ने ‘सावधान’ का बोर्ड लगाया
पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद पथ प्रमंडल विभाग ने पुल के दोनों छोर पर सावधान का बोर्ड लगा दिया है. उक्त पुल के से बड़े वाहनों के आवागमन पर भी रोक लगा दी गयी है. सिर्फ छोटे वाहन ही पार हो सकते हैं. पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग की जा रही है

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