गुड न्यूज : चुनाव से पहले कुरुमगढ़ व सुरसांग थाना शुरू होगा
दुर्जय पासवान गुमला : गुमला जिले में और दो थाना बढ़ेगा. इनमें चैनपुर प्रखंड का कुरुमगढ़ थाना व रायडीह प्रखंड का सुरसांग थाना है. दोनों घोर नक्सल इलाका है. पहले से गुमला में 13 थाना है. दो नये थाना शुरू होने से अब जिले में 15 थाने हो जायेंगे. इन दोनों थाना में विधिवत कार्य […]
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले में और दो थाना बढ़ेगा. इनमें चैनपुर प्रखंड का कुरुमगढ़ थाना व रायडीह प्रखंड का सुरसांग थाना है. दोनों घोर नक्सल इलाका है. पहले से गुमला में 13 थाना है. दो नये थाना शुरू होने से अब जिले में 15 थाने हो जायेंगे. इन दोनों थाना में विधिवत कार्य 12 अक्तूबर से शुरू होगा. अब इन दोनों थाना का अलग स्टेशन डायरी होगी. एफआइआर भी दर्ज किया जायेगा. ऐसे ये दोनों थाना अभी रायडीह व चैनपुर प्रखंड मुख्यालय में अस्थायी रूप से चलेगा.
जैसे ही सुरसांग व कुरुमगढ में नया भवन बनेगा, ये दोनों थाना संबंधित क्षेत्र में शिफ्ट कर जायेंगे. हालांकि इन दोनों थाना के थाना प्रभारी अलग से होंगे. पुलिस बल भी होगा. सुरसांग थाना के अंतर्गत सुरसांग, कोब्जा, जरजट्टा व कोंडरा पंचायत आयेगा. ये क्षेत्र पूरी तरह उग्रवाद से ग्रसित है और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटता है. वहीं कुरुमगढ़ थाना के अंतर्गत कुरुमगढ़, बामदा व बारडीह पंचायत आयेगा. ये तीनों पंचायत भाकपा माओवादियों का गढ़ है. माओवादियों का यह सेफ जोन इलाका भी है. पांच साल बाद शुरू होगा थानावर्ष 2009 में एक साथ गुमला जिले में तीन थाना की स्वीकृति मिली थी. इनमें गुरदरी, कुरुमगढ़ व सुरसांग है. इसमें गुरदरी थाना शुरू हो गया है. वहां काम भी चल रहा है. कुरुमगढ़ व सुरसांग के लिए जमीन व भवन नहीं मिलने के कारण थाना शुरू नहीं हो सका था.
लेकिन अब पांच साल बाद ये दोनों थाना शुरू होने जा रहा है. यह सब संभव एसपी भीमसेन टुटी की पहल से हुआ है. जिन्होंने वरीय अधिकारियों का गुमला जिले की ओर ध्यान आकृष्ट करा कर थाना शुरू करने की स्वीकृति लिये हैं.पंचायत चुनाव से पहले अच्छी पहलकुरुमगढ़ व सुरसांग थाना की शुरूआत उस समय हो रहा है, जब पंचायत चुनाव होनेवाला है. यह अच्छी पहल है. क्योंकि अभी पंचायत चुनाव होना है. थाना शुरू होने से पंचायत चुनाव में काफी फायदा होगा.
इन दोनों क्षेत्रों में पुलिस मूवमेंट भी बढ़ेगा. खास कर कुरुमगढ़, बारडीह व बामदा इलाके के क्षेत्र जो ज्यादा माओवादी इफेक्टीव है. उसका कुछ असर कम होगा.12 अक्तूबर से दोनों थाना शुरू कर देंगे. अब इन दोनों थाना के अंतर्गत पड़नेवाले गांव में जो घटना घटेगी, उसका एफआइआर संबंधित थाना में दर्ज होगा. लोगों को अब ज्यादा परेशानी नहीं होगी.भीमसेन टुटी, एसपी, गुमला