नदी की धार मोड़ खेत में पानी पहुंचाया

गुमला : बारिश नहीं हुई. सुखाड़ की स्थिति है. फसल मर रहे हैं. खेत में दरार पड़ गयी है. किसान चिंता में है. फसल मरने के बाद जीविकापार्जन की चिंता है. कई किसान पलायन कर गये. लेकिन ठीक इसके विपरित घाघरा प्रखंड के गुनिया गांव के 150 किसानों ने मिशाल पेश की है. सुखाड़ से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 12:44 AM
गुमला : बारिश नहीं हुई. सुखाड़ की स्थिति है. फसल मर रहे हैं. खेत में दरार पड़ गयी है. किसान चिंता में है. फसल मरने के बाद जीविकापार्जन की चिंता है. कई किसान पलायन कर गये. लेकिन ठीक इसके विपरित घाघरा प्रखंड के गुनिया गांव के 150 किसानों ने मिशाल पेश की है.
सुखाड़ से जंग लड़ रहे किसानों ने मसरिया नदी में बोरा बांध बना कर नदी की धारा को रोक दिया है. इससे गांव के 200 हेक्टेयर खेत में पानी पहुंच रही है. मर रहे फसल को नयी जान मिल गयी है. किसानों ने नदी में 150 मीटर तक बोरा से बांध बनाया है. जो नदी कल तक सूख गयी थी. अब उसमें लबालब पानी है.
उक्त पानी को किसान अब अपने खेतों तक छोटा नहर बना कर ले जा रहे हैं. मर रही फसल में जान आने के बाद किसान खुश हैं.
नाउम्मीद में उम्मीद की किरण : विकास भारती बिशुनपुर द्वारा चलाये जा रहे निकरा परियोजना के तहत कृषि वैज्ञानिक, समन्वयक व किसानों ने श्रमदान से नदी में बांध बनाया है. कल तक न उम्मीद में जी रहे किसानों में अब सिंचाई के लिए पानी मिलने के बाद उम्मीद की किरण जगमगाने लगी है.
वैज्ञानिकों ने मार्गदर्शन दिया : कृषि वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ संजय कुमार, अटल बिहारी तिवारी, सुधांशू मिश्रा को जब पता चला कि गुनिया गांव में फसल मर रहे हैं. किसान रो रहे हैं. फसल मरने से किसान भूखमरी व पलायन की स्थिति में हैं. तब इन वैज्ञानिकों ने गांव जाकर दौरा किया और नदी के पानी के उपयोग की तरकीब बतायी.
किसानों ने कहा : अब खुश हैं : गांव के किसान सोमरा भगत, भुखला उरांव, तुरका भगत, सोमा उरांव, कन्डे उरांव, बुधवा उरांव, युगल उरांव, राधे उरांव, प्रभु उरांव, मंगलदेव उरांव, चंद्रा पाहन, पुरन उरांव, बुधेश्वर उरांव, रोहित उरांव, जिलया उरांव ने कहा कि गुनिया, बेलागड़ा, जरगाटोली, बुरहू गांव में सूखे की स्थिति है. लेकिन मसरिया नदी में बांध बनाकर गुनिया गांव के 200 हेक्टेयर खेत में लगे फसल को मरने से बचा लिया गया है. सही समय पर वैज्ञानिकों की सलाह से यह सब संभव हुआ है.

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