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:: 65 वर्ष पुराना है दुर्गापूजा का इतिहास

:: 65 वर्ष पुराना है दुर्गापूजा का इतिहास सिसई. सिसई प्रखंड में दुर्गापूजा का इतिहास 65 वर्ष पुराना है. यहां वर्ष 1950 में निवर्तमान दारोगा बैजनाथ प्रसाद के नेतृत्व में दुर्गापूजा की शुरूआत की गयी थी. थाना परिसर में अंबिका प्रसाद, भगवान दास अग्रवाल, हुड़दंगी साव, मुंशी साहू व साधु साहू ने बैठक में दुर्गापूजा […]

:: 65 वर्ष पुराना है दुर्गापूजा का इतिहास सिसई. सिसई प्रखंड में दुर्गापूजा का इतिहास 65 वर्ष पुराना है. यहां वर्ष 1950 में निवर्तमान दारोगा बैजनाथ प्रसाद के नेतृत्व में दुर्गापूजा की शुरूआत की गयी थी. थाना परिसर में अंबिका प्रसाद, भगवान दास अग्रवाल, हुड़दंगी साव, मुंशी साहू व साधु साहू ने बैठक में दुर्गापूजा मनाने का निर्णय लिया था. चंपा भगत ने दुर्गापूजा के लिए भूमि दान में दी. जहां आज भी धूमधाम से दुर्गापूजा महोत्सव होता है. 1954 में दारोगा के रूप में जलील अख्तर ने सिसई में अपना योगदान दिया. इनके नेतृत्व में हर वर्ष पूजा होती थी. बेल पूजा थाना परिसर में होती है. 1966 में पुसो गांव में जमींदार प्रताप ओहदार के नेतृत्व में, डाड़हा (1971) में छल्लु साहू व बहुरन साहू, भदौली कुदरा (1985) में राम शरण जायसवाल, मुरगु (1986) में विश्वनाथ जायसवाल, प्रकाश जायसवाल, सरजू साहू, गणपति सिंह, हेमंत प्रसाद सोनी, नगर (1995) में डॉ गंदुर राम, नीरपति देवी, मनीनाथ उरांव, छारदा (1999) में माओवादी सिसई के एरिया कमांडर जुबी उरांव, नंद किशोर नाथ शाहदेव, नागफेनी (2000) में नीलांबर साहू, हरि साहू, महावीर साहू, धनपत साहू, बरगांव (2007) में सेवानिवृत्त शिक्षक राम सागर साहू, रामपाल साहू, पिलखी मोड़ (2009) में श्याम सुंदर महतो व संदीप महतो के नेतृत्व में दुर्गापूजा की शुरूआत की गयी थी.

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