पहले के प्रतिनिधि ईमानदार होते थे : बसंत
पहले के प्रतिनिधि ईमानदार होते थे : बसंत यादों में 25 गुम 11 में बसंत कुमार लालप्रतिनिधि, रायडीह(गुमला)रायडीह प्रखंड के नवागढ़ पतराटोली निवासी बसंत कुमार लाल (74 वर्ष) 1962 से 1995 तक प्रमुख के पद पर रहे. श्री लाल ने अपने कार्यकाल में तीन चुनाव जिसमें एक निर्विरोध व दो चुनाव मतदान द्वारा जीते है. […]
पहले के प्रतिनिधि ईमानदार होते थे : बसंत यादों में 25 गुम 11 में बसंत कुमार लालप्रतिनिधि, रायडीह(गुमला)रायडीह प्रखंड के नवागढ़ पतराटोली निवासी बसंत कुमार लाल (74 वर्ष) 1962 से 1995 तक प्रमुख के पद पर रहे. श्री लाल ने अपने कार्यकाल में तीन चुनाव जिसमें एक निर्विरोध व दो चुनाव मतदान द्वारा जीते है. उन्होंने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 32 वर्ष पूर्व पंचायत चुनाव के दौरान लोग अपने प्रतिनिधि को गांव में बैठक कर समाज सेवी, कर्मठ व जनता हित में कार्य करने वाले व्यक्ति को चुनते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. वर्तमान चुनाव में जमीन व आसमान का अंतर है. उस समय जाति धर्म का भेदभाव नहीं था. अभी जाति व धर्म के आधार पर प्रतिनिधि अपना वोट मांगते थे. 32 वर्ष पूर्व जनता का दबदबा प्रतिनिधियों पर रहता था और प्रतिनिधि भी ईमानदारी पूर्वक जनता के बताये कार्यों को पूरा करने के लिए तत्पर रहते थे. लेकिन अभी के प्रतिनिधि भ्रष्टाचार से लिप्त हैं. उस समय किसी काम में कमीशन नहीं लिया जाता था. पहले की अपेक्षा अभी के कार्य में प्रतिनिधि अपने कार्यो को 50 प्रतिशत ही कर पाते है. इस चुनाव में कोई भी समाजसेवी व्यक्ति चुनकर नहीं आया. जिससे हमारा क्षेत्र का विकास हो सके. विकास नहीं होने का खास कारण यह भी है कि आरक्षित सीट है. जिस क्षेत्र में ओबीसी व जेनरल व्यक्ति काम कर सकता है. वह महिलाओं, एसटी व एससी के लिए सीट आरक्षित हो गया. जिससे विकास में बाधा हुई है.