आदिवासी संस्कृति की पहचान है जतरा: बिंदेश्वर

आदिवासी संस्कृति की पहचान है जतरा: बिंदेश्वर फोटो- एलडीजीए- 29 जतरा में उपस्थित अतिथि.भंडरा/ लोहरदगा. सोरंदा गांव के मेला टांड़ में जतरा का आयोजन स्थानीय ग्रामीणों ने किया. जतरा में मुख्य अतिथि बिंदेश्वर उरांव, विशिष्ट अतिथि सामिल उरांव, भुवनेश्वर उरांव, राजमनी उरांव थे. जतरा में बिंदेश्वर उरांव ने कहा कि आदिवासी धर्म, संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2015 7:30 PM

आदिवासी संस्कृति की पहचान है जतरा: बिंदेश्वर फोटो- एलडीजीए- 29 जतरा में उपस्थित अतिथि.भंडरा/ लोहरदगा. सोरंदा गांव के मेला टांड़ में जतरा का आयोजन स्थानीय ग्रामीणों ने किया. जतरा में मुख्य अतिथि बिंदेश्वर उरांव, विशिष्ट अतिथि सामिल उरांव, भुवनेश्वर उरांव, राजमनी उरांव थे. जतरा में बिंदेश्वर उरांव ने कहा कि आदिवासी धर्म, संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से क्षेत्र में जतरा के आयोजन को विशेष ध्यान दिया जा रहा है. आदिवासियों का पारंपरिक नृत्य गीत पर आधारित खोड़हा नाच को जतरा में विशेष तौर पर आमंत्रित किया जा रहा है. जतरा में शामिल होनेवाले 35 खोड़हा को पुरस्कृत किया गया. जतरा के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

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