गुमला : छह लाख के इनामी सबजोनल कमांडर खुदी मुंडा ने किया सरेंडर, कहा- मारे जाने के डर किया आत्मसमर्पण
भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर खुदी मुंडा आखिरकार पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. खुदी पर छह लाख रुपये का इनाम है. सरेंडर करने के बाद नक्सली खुदी ने कहा कि अगर सरेंडर नहीं करता, तो पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता. इसी डर से सरेंडर किया हूं.
गुमला, दुर्जय पासवान : भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर छह लाख रुपये का इनामी खुदी मुंडा उर्फ बहादूर उर्फ बूढ़ा ने पुलिस के समक्ष मंगलवार को सरेंडर किया. डीआईजी अनूप बिरथरे ने खुदी मुंडा को शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर मुख्यधारा में शामिल किया. हालांकि, खुदी मुंडा ने 12 जुलाई को ही सरेंडर कर दिया था, लेकिन पुलिस उससे एक सप्ताह तक पूछताछ करती रही. नक्सलियों के कई ठिकानों पर पुलिस ने खुदी को लेकर छापामारी की. साथ ही गुमला, सिमडेगा व लातेहार जिला में भाकपा माओवादी की गतिविधि की जानकारी ली. इसके बाद मंगलवार को खुदी मुंडा को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया गया.
भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर छह लाख रुपये का इनामी खुदी मुंडा ने पुलिस के समक्ष सरेंडर करते हुए कहा कि अगर सरेंडर नहीं करता, तो मारा जाता. इसी डर से सरेंडर किया हूं.
पुलिस से मुठभेड़ में मारे जाने के डर से किया सरेंडर
खुदी मुंडा ने सरेंडर करने के बाद कहा कि मुझे डर था. मैं पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा जाऊंगा. इसलिए सरेंडर कर दिया. उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में अपने चचेरे भाई बॉबी मुंडा के कहने पर वह माओवादी में शामिल हुआ था. इसके बाद कई बड़ी घटनाओं में वह शामिल हुआ. उसके कार्यो को देखते हुए उसे सिमडेगा-पालकोट जोन का सबजोनल कमांडर बनाया गया था.
सरेंडर करने के साथ ही मन को मिली शांति
पुलिस के समक्ष सरेंडर किये नक्सली खुदी मुंडा ने कहा कि ऑपरेशन डबल बुल के समय पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह बच गया था. वह अपना हथियार छोड़कर वहां से भाग निकल था. जिसके बाद नक्सली नवीन, विमल सहित अन्य साथियों के सरेंडर से सीख लेकर झारखड सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर किया है. अब मुझे अच्छा लग रहा है. साथ ही मन को शांति मिल रही है. उसने कहा कि अब वह आम आदमी की तरह अपना पूरा जीवन जीना चाहता है. जेल से निकलने के बाद घर परिवार व खेतीबारी पर ध्यान दूंगा. समाज के लिए काम करना है.
छह लाख का इनामी है सबजोनल कमांडर खुदी मुंडा
बता दें कि छह लाख के इनामी नक्सली पर पांच लाख रुपये झारखंड पुलिस और एक लाख रुपये एनआईए ने घोषित कर रखा था. 12 जुलाई, 2023 को नक्सली खुदी मुंडा कुरूमगढ़ थाने में जाकर सरेंडर किया था, लेकिन सरेंडर की बातों को पुलिस खुलकर नहीं बता रही थी. इस दौरान नक्सली खुदी मुंडा से कई पहलुओं पर पुलिस ने पूछताछ की. इसके बाद 18 जुलाई, 2023 को पुलिस ने उसे मीडिया के समक्ष पेश किया.
गुमला सहित कई जिलों में दर्जनों केस है दर्ज
पुलिस के समक्ष सरेंडर किये सबजोनल कमांडर खुदी मुंडा पर गुमला सहित सिमडेगा और लातेहार जिलों के विभिन्न थानों में दर्जनों केस दर्ज है. इसमें गुमला के चैनपुर थाने में हमला करने के अलावा चैनपुर ब्लॉक भवन को उड़ाने और पुलिस कर्मियों पर हमला कर चार पुलिस कर्मियों की हत्या करने के मामले में शामिल रहा है. नक्सली खुदी मुंडा की तलाश पुलिस को काफी समय से थी, लेकिन हाथ नहीं लग रहा था.
11 साल से पुलिस से छूपता फिर रहा था नक्सली खुदी
गुमला जिला अंतर्गत भरनो प्रखंड के छोटे से गांव के रहने वाला खुदी मुंडा का आतंक एक समय सर चढ़कर बोल रहा था. यही कारण है कि पुलिस को भी अपना निशाना बनाने से नहीं चूकता था. वहीं, हमशक्ल की मौत का लाभ उठाकर पिछले 11 साल से नक्सली खुदी पुलिस से बचता रहा था. लेकिन, पुलिस की लगातार दबिश और मुठभेड़ से घबरा कर उसने सरेंडर करना ही मुनासिब समझा.
पुलिस की लगातार दबिश से डर कर खुदी ने किया सरेंडर
बताया गया था कि गुमला जिला अंतर्गत रायडीह थाना क्षेत्र के जमगई जंगल से वर्ष 2012 में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ था. मृतक नक्सली खुदी मुंडा जैसा दिखता था. जिसको देखकर पुलिस ने भी नक्सली खुदी के मारे जाने को मान लिया. लेकिन, 11 साल बाद पुलिस को भनक लगी कि खुदी जिंदा है. इसके बाद पुलिस लगातार अभियान चलाकर उसे अपने टारगेट में लिया. लगातार पुलिस की दबिश से डर कर खुदी ने गुमला पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया.