छह दिनी विश्व फाइलेरिया दिवस का शुभारंभ
गुमला : विश्व फाइलेरिया दिवस के अवसर पर गुमला में कुल नौ लाख 33 हजार 989 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. फाइलेरिया निरोधी दवा खिलाने के लिए सहिया, सेविका व एएनएम डोर टू डोर विजिट करेंगी.
यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती माताओं को छोड़ कर सभी लोगों को खिलाना है. कार्यक्रम की सफलता को लेकर सदर अस्पताल परिसर गुमला में सोमवार से छह दिनी विश्व फाइलेरिया दिवस का शुभारंभ किया गया.
गुमला सीएस डॉ एलएनपी बाड़ा ने डीइसी व एलबेंडाजोल फाइलेरिया निरोधी दवा खाकर कार्यक्रम का उदघाटन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने में सहिया, सेविका व एएनएम की भूमिका अहम होगी. सभी लोगों को डोर टू डोर विजिट कर दवा ऑन द स्पॉट खिलाना है. सीएस ने फाइलेरिया बीमारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हाइड्रोसील का इलाज संभव है, लेकिन फाइलेरिया का इलाज संभव नहीं है. यदि एक बार किसी को यह बीमारी हो जाती है, तो उसके लिए घातक साबित होता है. इसलिए फाइलेरिया बीमारी से दूर रहने के
लिए डीइसी व एलबेंडाजोल दवा का सेवन करें.
तभी हमारा गुमला जिला फाइलेरिया मुक्त बनेगा. डीएस डॉ आरएन यादव ने कहा कि फाइलेरिया को गुमला जिला से जड़ से समाप्त करना है. इसके लिए सभी लोगों का सहयोग जरूरी है. एनडीटीओ हेमंत कुमार ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी शुरू होने पर बाद में गंभीर बन जाता है.
हम सभी लोगों को मिल कर इसके उन्मूलन पर ध्यान देना है. एसीएमओ डॉ जेपी सांगा ने कहा कि गुमला जिला में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान वर्ष 2004 में शुरू हुआ था. जो निरंतर चलता आ रहा है.
जब कि जिले से फाइलेरिया का नामोनिशान तक नहीं मिट जाता. तब तक यह कार्यक्रम चलता रहेगा. जिले से फाइलेरिया को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी से विभिन्न एनजीओ के कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं. इसमें जनता का भी सहयोग जरूरी है. इस अवसर पर डॉ सौरव प्रसाद, डॉ कृष्णा प्रसाद, अशोक लाल, सुभाषिनी चंद्रिका सहित सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी व सभी प्रखंडों के कार्यक्रम प्रबंधक उपस्थित थे.