लीड :3::: बेकार पड़ा है आइटीआइ भवन
लीड :3::: बेकार पड़ा है आइटीआइ भवन सात वर्ष पहले करोड़ों रुपये की लागत से बना है आइटीआइ व एएनएम भवनफोटो- एलडीजीए-1 कुजरा में स्थित आइटीआइ भवन. प्रतिनिधि, लोहरदगा विकास के दावे एवं वादे विधानसभा उपचुनाव में फिर से किये जा रहे हैं. जनता एक बार फिर नेताओं के लोक लुभावन नारे सुनने को विवश […]
लीड :3::: बेकार पड़ा है आइटीआइ भवन सात वर्ष पहले करोड़ों रुपये की लागत से बना है आइटीआइ व एएनएम भवनफोटो- एलडीजीए-1 कुजरा में स्थित आइटीआइ भवन. प्रतिनिधि, लोहरदगा विकास के दावे एवं वादे विधानसभा उपचुनाव में फिर से किये जा रहे हैं. जनता एक बार फिर नेताओं के लोक लुभावन नारे सुनने को विवश है. विकास के नाम पर अब तक इस क्षेत्र की जनता को सिर्फ छला गया है. न तो पेयजल की सुविधा है और न बेहतर शैक्षणिक माहौल. उग्रवाद हावी है. रोजगार के अभाव में पलायन जारी है. वर्ष 2008 में लगभग ढाई करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन का निर्माण कुजरा गांव में किया गया था. सात वर्ष गुजर जाने के बाद भी यहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. भवन के शीशे टूटने लगे हैं. भवन जर्जर होती जा रही है, लेकिन जिस उद्देश्य से इतनी बड़ी राशि खर्च कर इस भवन का निर्माण कराया गया था, उसका औचित्य पूरा नहीं हो पा रहा है. सरकारी राशि का दुरूपयोग का जीता जागता उदाहरण है कुजरा का आइटीआइ भवन. आज जो लोग विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं, यदि यही लोग थोड़ा ध्यान देते तो यहां आइटीआइ की पढ़ाई शुरू हो जाती और अब तक लगभग 1500 युवाओं को इसका लाभ मिल जाता. लोहरदगा जिला में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का भवन भी निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से उपायुक्त आवास के पीछे किया गया है. यहां एएनएम के लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था है, लेकिन यह प्रशिक्षण संस्थान भी शुरू नहीं हो सका. इन दोनों भवनों में आज सीआरपीएफ का कैंप स्थापित हो गया है. लोहरदगा जिला में विकास के नाम पर सिर्फ और सिर्फ जनता को छलने का काम किया गया है. यदि धरातल पर विकास होता तो आज युवा बेरोजगार नहीं होते, उग्रवाद सिर चढ़ कर नहीं बोलता.