वोट मांगने गये बामदा मुखिया को पीटा

वोट मांगने गये बामदा मुखिया को पीटापांच साल में विकास के काम नहीं करने का लगाया आरोप.मुखिया विश्वनाथ दूसरे प्रत्याशी के लिए वोट मांगने गया था.दुर्जय पासवान, गुमलाचैनपुर प्रखंड के बामदा पंचायत के मुखिया विश्वनाथ उरांव को मंगलवार को ग्रामीणों ने जम कर पीटा. वे एक-दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने कुरुमगढ़ गांव गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2015 7:41 PM

वोट मांगने गये बामदा मुखिया को पीटापांच साल में विकास के काम नहीं करने का लगाया आरोप.मुखिया विश्वनाथ दूसरे प्रत्याशी के लिए वोट मांगने गया था.दुर्जय पासवान, गुमलाचैनपुर प्रखंड के बामदा पंचायत के मुखिया विश्वनाथ उरांव को मंगलवार को ग्रामीणों ने जम कर पीटा. वे एक-दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने कुरुमगढ़ गांव गये हुए थे. तभी गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया. पांच साल के विकास के कामों का लेखा-जोखा मांगा. ग्रामीणों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब मुखिया द्वारा नहीं दिये जाने पर ग्रामीण उसे घेर लिए और पिटाई किये. कई लोगों ने चप्पल से मारा है. भागने का प्रयास किया तो खदेड़ कर चप्पल से पीटा गया. लात मुक्कों से भी मारा है. किसी प्रकार वे वहां से बच कर भागे. ग्रामीणों ने विश्वनाथ द्वारा समर्थन किये गये प्रत्याशी का विरोध किया है और उसके पक्ष में वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है. गांव के अनिल उरांव ने कहा : वर्ष 2010 के चुनाव में कुरुमगढ़ क्षेत्र की जनता ने विश्वनाथ उरांव को वोट देकर उन्हें विजयी बनायी थी. ताकि वह क्षेत्र का विकास कर सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वे पंचायत का विकास करने के बजाये गुमला शहर में रह कर ठेकेदारी करते थे. विश्वनाथ के कार्यकाल में पंचायत में भ्रष्टाचार बढ़ा है. पंचायत के किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है. वे बिचौलियों के माध्यम से विकास के काम कराते थे.महिला होने पर विश्वनाथ चुनाव नहीं लड़ावर्ष 2010 के चुनाव में बामदा पंचायत पुरुष के लिए आरक्षित था. इसलिए विश्वनाथ चुनाव जीत कर मुखिया बने थे. इसबार के चुनाव में बामदा पंचायत से मुखिया सीट महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है. इस कारण विश्वनाथ चुनाव नहीं लड़ सके. लेकिन उन्होंने बामदा से एक महिला प्रत्याशी को मुखिया पद से चुनाव लड़वा रहे हैं, ताकि वे दोबारा बामदा क्षेत्र में काम कर सके.मैंने विकास का काम किया है : विश्वनाथमुखिया विश्वनाथ उरांव ने कहा : उन्हें एक साजिश के तहत पीटा गया है. किसी दूसरे प्रत्याशी के कहने पर ऐसा काम किया गया है. मैंने अपने कार्यकाल में जो हो सका, काम किया है. मंगलवार को जब अपने एक प्रत्याशी के लिए वोट मांगने गया था. तब ग्रामीणों ने मुझे पकड़ कर पीटा है. किसी प्रकार बचकर निकला.

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