लीड :7::: विकास की गंगा बहाने के हो रहे दावे

लीड :7::: विकास की गंगा बहाने के हो रहे दावेफोटो-एलडीजीए-3, शंख नदी में बनने के पहले ही ध्वस्त हुआ पुल. लोहरदगा. जिले में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. विकास की गंगा बहा देने के दावे एक बार फिर किये जा रहे हैं, लेकिन जो लोग विकास के लिए जिम्मेवार थे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 6:44 PM

लीड :7::: विकास की गंगा बहाने के हो रहे दावेफोटो-एलडीजीए-3, शंख नदी में बनने के पहले ही ध्वस्त हुआ पुल. लोहरदगा. जिले में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. विकास की गंगा बहा देने के दावे एक बार फिर किये जा रहे हैं, लेकिन जो लोग विकास के लिए जिम्मेवार थे उन लोगों ने कोई ऐसा उल्लेखनीय काम नहीं किया. जो क्षेत्र के लिए मिसाल बन सके. शहरी क्षेत्र में स्थिति शंख नदी पर साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा था. निर्माण कार्य इतना घटिया था कि बनने के पहले ही पुल का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया. सरकारी राशि की बंदरबांट का ये एक नमूना है. अब तक दोषियों पर किसी तरह की कारवाई नहीं हुई. मात्र संवेदक के विरूद्ध एफआइआर दर्ज कर विभाग ने अपने कर्तव्य का निर्वहन कर लिया. यह एफआइआर भी तब हुआ जब पथ निर्माण विभाग की सचिव राजबाला वर्मा लोहरदगा दौरे पर आयी और जब उन्हे मालूम हुआ कि घटिया निर्माण के कारण पुल बनने के पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया तो उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को जम कर फटकार लगायी और तत्काल एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया. विभागीय मिलीभगत से संवेदक ध्वस्त पुल को ही जैक लगा कर सीधा करने का काम भी शुरू कर दिया था. विभाग के अधिकारी यदि इस योजना का प्रोपर मॉनीटरिंग करते तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती. जिले में विकास कार्यों में अनियमितता आम बात है. पहाड़ी इलाके में तो उग्रवाद का बहाना बना कर तकनीकी अधिकारी जाते ही नहीं हैं. उन इलाकों में जो भी योजनाएं स्वीकृत होती हैं, वे भगवान भरोसे ही चलती है. इसका जीता जागता उदाहरण सेन्हा प्रखंड के शाही घाट में पथ निर्माण का है. यहां लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से आरइओ द्वारा पथ निर्माण कार्य कराया जा रहा था. चंदवा के ठेकेदार प्रदीप उपाध्याय ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बगैर सड़क निर्माण किये ही, राशि निकाल ली थी. मामले की जांच हुई तो तत्कालीन कार्यपालक अभियंता लीलानंद झा सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है और एक बार फिर नेता विकास की गंगा बहाने का दावा करने लगे हैं. यदि चुनाव में किये वादे चुनाव के बाद भी जनप्रतिनिधि याद रखते तो लोहरदगा जिला आज विकास के मामले में सबसे अगली पंक्ति पर होता.

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