सगी बहन ने ही मीना को बेची थी
गुमला : गुमला जिले के बिशुनपुर की मीना उरांव (बदला हुआ नाम) को उसकी ही सगी बहन ने रांची में ले जाकर बेच दी थी. जिस घर में मीना को बेचा गया, उस घर के मालिक ने चार साल तक मीना के साथ यौन शोषण किया. यह जानकारी स्वयं मीना ने दी. मीना को सोमवार […]
गुमला : गुमला जिले के बिशुनपुर की मीना उरांव (बदला हुआ नाम) को उसकी ही सगी बहन ने रांची में ले जाकर बेच दी थी. जिस घर में मीना को बेचा गया, उस घर के मालिक ने चार साल तक मीना के साथ यौन शोषण किया. यह जानकारी स्वयं मीना ने दी. मीना को सोमवार को चाइल्ड लाइन की नीरू गुमला लेकर पहुंची.
चाइल्ड लाइन ने मीना को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया है. मीना से पूछताछ की जा रही है. मीना वर्ष 2010 में मानव तस्करी का शिकार हुई थी. यौन शोषण करनेवाले घर मालिक जेल भी गया था. अभी वह जमानत पर है.
उसने कहा कि उसे पुलिस ने 2015 के जनवरी माह में मुक्त कराया था. इसके बाद रांची में प्रेमाश्रय में एक साल तक रखा गया. जहां वह पढ़ाई की. पांच साल बाद वह गुमला लौटी है.
इधर मीना के केस को देखते हुए अभी उसे सीडब्ल्यूसी गुमला अपने संरक्षण में रखे हुए है. उसे बाल गृह में रखा जायेगा. सीडब्ल्यूसी की माने तो मीना को जान का खतरा है. क्योंकि जिस प्रकार मीना रांची से मुक्त हुई है और अभी केस चल रहा है. इसलिए मीना की सुरक्षा जरूरी है.
नरक से मुक्त हुई, अब खुश हूं : मीना ने बताया कि वर्ष 2010 में उसकी अपनी सगी बहन सबी (बदला हुआ नाम) उसे रांची ले गयी. इसके बाद काम करने के लिए रांची के एक वकील के घर बेच दी. मीना ने कहा : उसे हर काम पर प्रताड़ित किया जाता था. यहां तक कि उसके साथ गलत भी हुआ. शोषण से तंग आकर उसने पुलिस को फोन की. इसके बाद पुलिस ने उसे मुक्त कराया था. अब मैं खुश हूं.