माओवादियों ने हर घर से मांगा बच्चा

गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व कटिया गांव के लाेगाें काे धमकाया गुमला : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माआेवादी ने बाल दस्ते के लिए बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व कटिया गांव के हरेक परिवार से एक-एक बच्चा मांगा है. माओवादी कमांडर नकुल यादव ने 28 फरवरी काे गांव में बैठक की. धमकाया कि बच्चा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 6:10 AM
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व कटिया गांव के लाेगाें काे धमकाया
गुमला : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माआेवादी ने बाल दस्ते के लिए बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व कटिया गांव के हरेक परिवार से एक-एक बच्चा मांगा है. माओवादी कमांडर नकुल यादव ने 28 फरवरी काे गांव में बैठक की.
धमकाया कि बच्चा नहीं देने पर ग्रामीणाें काे जंगल में पशुआें काे चराने नहीं देंगे. जलावन के लिए लकड़ी काटने नहीं देंगे. सूचना के मुताबिक, नक्सलियाें ने जिसके घर में दो से अधिक बच्चे हैं, उनसे एक बच्चा को नक्सली बाल दस्ता के लिए मांगा है. 15 दिन के अंदर बच्चों को साैंपने की धमकी दी गयी है. नकुल ने ग्रामीणों को धमकाया है कि बच्चा नहीं दोगे, तो अंजाम बुरा होगा. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हाे पायी है. पर, नक्सलियाें के इस फरमान से ग्रामीण दहशत में हैं.
नकुल के गढ़ में घुसी पुलिस : समझा जाता है कि नकुल यादव का दस्ता जमटी व कटिया गांव के पास जंगल में जमा हुआ है. सूचना पर पुलिस ने दाे दिन पहले नक्सलियाें के खिलाफ ऑपरेशन लांच किया है. एसपी भीमसेन टुटी के नेतृत्व में जिला पुलिस व सीआरपीएफ की फोर्स जमटी व कटिया गांव गयी है. लोगों को भयमुक्त करने में लगी हुई है.
नक्सली मदन के घर की कुर्की : इस बीच पुलिस ने माओवादी कमांडर मदन यादव के घर की कुर्की- जब्ती की है. मदन का घर गोबरसेला गांव में है. उसके घर का सारा सामान जब्त कर लिया गया है. इधर, एक सप्ताह से जमटी में एक युवक के शव होने की सूचना है. बताया जा रहा है कि भाकपा माओवादियों ने जनअदालत लगा कर युवक की हत्या कर शव को गांव में फेंका है. पुलिस शव को खोज रही है.
पहले भी 35 बच्चाें काे ले गये थे नक्सली
22 अप्रैल 2015 : नक्सलियाें द्वारा गुमला के ग्रामीण क्षेत्र से 35 बच्चों को ले जाने की खबर प्रभात खबर में छपी थी. हाइकोर्ट ने िलया था संज्ञान.
03 मई 2015 : सरकार ने हाइकोर्ट में कहा था, तीन प्राथमिकी दर्ज की गयी, बच्चों को बरामद करेंगे.
11 जून 2015 : डीजीपी डीके पांडेय ने कहा था, बच्चों को मुक्त कराने तक अभियान जारी रहेगा.
हाइकोर्ट ने की थी टिप्पणी
11 दिसंबर 2015 : नक्सलियों के चंगुल से क्यों नहीं मुक्त हुए 19 बच्चे.
16 दिसंबर 2015 : नक्सल समस्या को खत्म नहीं कर सकते, तो डीजीपी वरदी वापस कर दें.
21 जनवरी 2016 : बच्चों को बरामद करने के लिए पुलिस ठोस कार्रवाई करे.

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