जिले में रही क्रिसमस की धूम
गुमला : गुमला स्थित संत पात्रिक महागिरजा घर में यीशु मसीह के जन्म के आगमन पर रात्रि पवित्र मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया. साढ़े दस बजे रात से गुमला धर्मप्रांत के स्वामी पॉल लकड़ा की अगुवाई में मिस्सा हुई.
वे सर्वप्रथम चरनी में स्थापित मूर्ति का आशीष किया. इसके बाद चढ़ावा का कार्यक्रम हुआ. बाइबल पर आधारित झांकी का प्रस्तुति करण किया गया. संदेश में फा बिशप स्वामी ने कहा कि ईसा मसीह मानव जाति के बीच ज्योति बन कर आये और मानव बन कर हर मानव से रिश्ता जोड़ा.
इतना ही नहीं मानव का रिश्ता पुन: ईश्वर से जोड़ा. वे हम सबों के मां व बाप हो गये. यह खुशी की बात है. वे पाप, बुराई व मृत्यु का मुक्तिदाता बन कर आये. यह क्रिसमस आनंद व खुशी का त्योहार है. इसलिए हमें मिलजुल कर रहना चाहिए. एक-दूसरे के धर्म का आदर करना चाहिए.
इसके बाद सुबह विकर जनरल सिप्रियन कुल्लू के नेतृत्व में पवित्र मिस्सा पूजा का आयोजन चर्च में हुआ. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि ईसा मसीह का आना इतिहास का सबसे बड़ी घटना है. वे सृष्टिकर्ता हैं. ईश्वर का मनुष्य बनना अपने आप में एक बड़ी घटना है.
ईसा मसीह के जन्म से ही बीसी व एडी की शुरुआत हुई है. ईश्वर हर घर में जन्म ले रहे हैं. वे विनम्रता के प्रतिमूर्ति थे. वे छोटा बालक बन कर जन्म लिये. गरीब, दीन व दुखियों के परिवार में जन्म लिये. वे हमारे बीच ज्योति बन कर आये. लोगों को सही रास्ता दिखाया. आज लोग धन, दौलत व भोग विलास में अंधे हो गये हैं. आज नैतिकता की जरूरत है.
सत्य व न्याय का प्रसार व प्रचार करना चाहिए. इस मौके पर सामुएल कुजूर, प्रदीप एक्का, शिरिल केरकेट्टा, जोन एक्का, जोसेफ तिर्की, नीलम कुजूर, कल्याण कुल्लू, सिप्रियन केरकेट्टा, जोन लकड़ा, फाडी लकड़ा सहित हजारों की संख्या में ीस्तीय धर्मावलंबी उपस्थित थे. कोयर दल द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया.
घाघरा : घाघरा प्रखंड क्षेत्र में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का पर्व क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर नवडीहा पारिस, एजी चर्च, शिव सेरेंग गिरजाघर, डुको सिकवार, गम्हरिया, तिलसरी गेडेटोली सहित अन्य पारिसों में बाइबल पाठ, सामूहिक प्रार्थना व आशीष मांगी गयी. साथ ही आकर्षक गीत-संगीत के साथ एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई ख्रीस्तीय धर्मावलंबियों ने दी.
शहर से गांव तक प्रभु यीशु के गुणगान से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था. वहीं आकर्षक सजावट के साथ पारिसों व गिरजाघरों की शोभा दोगुनी हो गयी थी.