ओके:::75 प्रतिशत लोगों को नहीं मिल रहा है पेयजलनगर परिष्द के पास कोई टेक्निकल हैंड नहीं जलापूर्ति विभाग से नहीं मिल रहा है अपेक्षित सहयोग फोटो: 3 एसआईएम: 1- जर्जर पानी टंकीरविकांत साहूसिमडेगा़ नगर परिषद क्षेत्र की लगभग 75 प्रतिशत आबादी को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. शहरी क्षेत्र के 18 वार्ड की आबादी को देखा जाये, तो वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 15 लाख गैलन जलापूर्ति की आवश्यकता है, किंतु वर्तमान में लगभग डेढ़ लाख गैलन ही जलापूर्ति हो पा रही है. जलापूर्ति सिस्टम को नगर परिषद के अधीन कर दिया है, किंतु नगर परिषद में जलापूर्ति विभाग से संबंधित एक भी तकनीकी इंजीनियर नहीं हैं: 1983 में बनी थी पानी टंकीशहरी क्षेत्र में 1983 में एक पानी टंकी का निर्माण किया गया. पानी टंकी की स्थिति आज जर्जर हो चुकी है. 1983 में उस समय की आबादी को ध्यान में रख कर टंकी का निर्माण किया गया था, किंतु आत उक्त टंकी नाकाफी साबित हो रही है. शहरी क्षेत्र के 18 वार्ड में से लगभग छह वार्ड में ही पेयजल विभाग द्वारा जलापूर्ति की जा रही है. शहरी क्षेत्र के मुख्य पथ के किनारे बसे लोगों को किसी प्रकार पानी मिल रहा है, किंतु शहरी क्षेत्र के नीचे बाजार, भट्ठी टोली, सलडेगा ठाकुरटोली, शामटोली रोड के कई हिस्सों में पाइप लाइन लगी है, लेकिन पाइप जर्जर होने जाने के कारण जलापूर्ति नियमित रूप से संभव नहीं हो पा रही है. पाइप जाम होने के कारण मुख्य पथ पर बसे कई घरों में भी जलापूर्ति विभाग का पानी नहीं पहुंच रहा है डेढ़ लाख गैलन की आपूर्तिशहरी क्षेत्र की आबादी लगभग 50 हजार है. शहरी क्षेत्र में कुल 18 वार्ड हैं. 18 वार्ड में से पांच-छह वार्ड में ही जलापूर्ति हो पा रही है. शहरी क्षेत्र में आबादी के हिसाब से प्रतिदिन लगभग 15 लाख गैलन जलापूर्ति की आवश्यकता है, किंतु अभी लगभग डेढ़ लाख गैलन जलापूर्ति हो पा रही है. जगह-जगह पाइप जाम हैशहरी क्षेत्र के कई वार्ड में पाइप लाइन जाम है. नीचे बाजार, अपर बाजार, भटी टोली, शामटोली , सलडेगा रोड व प्रिंस चौक के अलावा अन्य कई क्षेत्रों में भी पाइप लाइन जाम पड़ा है. पाइप लाइन जाम रहने के कारण लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है, किंतु प्रत्येक माह शुल्क देना पड़ रहा है. जलापूर्ति सिस्टम के जिर्णोद्धार की जरूरत शहरी क्षेत्र में स्थित जलापूर्ति योजना के जीर्णोद्धार से जनता को इसका लाभ मिल सकता है. जीर्णोद्धार योजना के लिए लगभग 30 लाख रुपये की योजना बना कर नगर विकास को एक वर्ष पूर्व भेजा गया है, किंतु नगर विकास विभाग द्वारा उक्त योजना पर अब तक कोई पहल नहीं की गयी है़ बहरहाल जलापूर्ति योजना का जीर्णोद्धार नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में जलापूर्ति सिस्टम फेल भी हो सकती है.नगर परिषद के पास कोई टेकनिकल हेंड नहीं जलापूर्ति संबंधी नगर परिषद के पास कोई टेक्निकल हैंड नहीं है. नगर परिषद अब भी पूरी तरह से जलापूर्ति विभाग के टेक्निकल हैंड पर ही आश्रित है. नगर परिषद को जलापूर्ति विभाग के टेक्निकल हैंड द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है, जबकि जलापूर्ति विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक जेई व एई को जिम्मेवारी दी गयी है.गरर्मी को देखते हुए नगर परिषद गंभीरगरमी को देखते हुए नगर परिषद गंभीर हो गया है. नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डो में नगर परिषद द्वारा युद्ध स्तर पर खराब पड़े चापानलों को बनाने का काम किया जा रहा है. इधर, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हीरा चौधरी ने बताया कि जलापूर्ति विभाग के कर्मचारियों को नियमित रूप से जलापूर्ति करने को कहा गया है.
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ओके:::75 प्रतिशत लोगों को नहीं मिल रहा है पेयजल
ओके:::75 प्रतिशत लोगों को नहीं मिल रहा है पेयजलनगर परिष्द के पास कोई टेक्निकल हैंड नहीं जलापूर्ति विभाग से नहीं मिल रहा है अपेक्षित सहयोग फोटो: 3 एसआईएम: 1- जर्जर पानी टंकीरविकांत साहूसिमडेगा़ नगर परिषद क्षेत्र की लगभग 75 प्रतिशत आबादी को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. शहरी क्षेत्र के 18 वार्ड की […]
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