जनता को पानी दें : अध्यक्ष

चर्चा. जिला परिषद गुमला व पीएचइडी पदाधिकारियों की बैठक जिले में जल संकट को देखते हुए जिला परिषद की बैठक बुलायी गयी. इसमें पीएचइडी के पदाधिकारी भी शामिल हुए़ बैठक में जल संकट को दूर करने की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई़ इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये़ गुमला : गुमला जिले में जल संकट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2016 1:04 AM
चर्चा. जिला परिषद गुमला व पीएचइडी पदाधिकारियों की बैठक
जिले में जल संकट को देखते हुए जिला परिषद की बैठक बुलायी गयी. इसमें पीएचइडी के पदाधिकारी भी शामिल हुए़ बैठक में जल संकट को दूर करने की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई़ इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये़
गुमला : गुमला जिले में जल संकट गहरा गया है. जनता को पानी नहीं मिल रहा है. पानी का यह मुद्दा शुक्रवार को जिला परिषद गुमला व पीएचइडी की बैठक में छाया रहा. बैठक की अध्यक्षता जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा ने की़ जल संकट को लेकर वे गंभीर थीं़ पीएचइडी के सभी जेइ को उन्होंने फटकार लगायी है. बैठक दिन के 11 बजे से शुरू होना था, जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित विभिन्न प्रखंडों के जिप सदस्य समय से पहले पहुंच गये थे, लेकिन 12 बजे तक पीएचइडी के एक भी जेइ बैठक में शामिल नहीं हो पाये थे. सभी जेइ के देर से आने के कारण जिप अध्यक्ष ने नाराजगी प्रकट की.
कहा : लापरवाही न करें. लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. पीएचइडी जिला परिषद के अंदर है, इसके बाद भी पेयजल की समस्या के समाधान को लेकर किये जा रहे कार्यों के बारे में अभी तक पीएचइडी द्वारा जिला परिषद को एक भी रिपोर्ट नहीं दी गयी है़
ऐसे काम नहीं चलेगा. हम जनता के प्रतिनिधि हैं, जनता को सुविधा देना और सरकारी योजनाओं को उन तक पहुंचाना हमारा काम है. किरण माला बाड़ा ने पीएचइडी के कार्यपालक पदाधिकारी त्रिभुवन बैठा से जिले के खराब पड़े चापानलों के बारे में जानकारी ली. जानकारी प्राप्त करने के बाद उन्होंने कहा कि गोल-गोल बात न करें. ईमानदारी से काम करें.
जिप सदस्यों ने कई बार अपने-अपने क्षेत्रों के खराब पड़े चापानलों की स्थिति से विभाग को यहां तक की विशेष तौर पर जेइ को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन काम में कोताही बरती जा रही है. विभाग के पास जिले में खराब पड़े सभी चापानलों की सूची है. युद्धस्तर पर काम करें और जल्द ही सभी खराब पड़े चापानलों की मरम्मत करायें. शहर से लेकर गांव तक हर जगह पेयजल की भारी समस्या है. लेकिन विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है़

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