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माओवादी समर्थक ने किया आत्मसमर्पण
सफलता. कई कांडों में शामिल था करण नायक उर्फ पिंटू माओवादी समर्थक करण नायक उर्फ पिंटू उर्फ कल्याण ने बसिया एसडीपीओ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया़ बसिया के भागीडेरा निवासी करण नायक ने कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है़ पुलिस ने मुख्यधारा से जुड़ने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है़ बसिया […]
सफलता. कई कांडों में शामिल था करण नायक उर्फ पिंटू
माओवादी समर्थक करण नायक उर्फ पिंटू उर्फ कल्याण ने बसिया एसडीपीओ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया़ बसिया के भागीडेरा निवासी करण नायक ने कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है़ पुलिस ने मुख्यधारा से जुड़ने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है़
बसिया : बसिया एसडीपीओ बच्चनदेव कुजूर के समक्ष गुरुवार को माओवादी समर्थक करण नायक उर्फ पिंटू उर्फ कल्याण ने आत्मसमर्पण किया. एसडीपीओ ने उसे प्रोत्साहित कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में हरसंभव पुलिस विभाग से सहयोग देने का भरोसा दिलाया. करण नायक बसिया प्रखंड के भागीडेरा का निवासी है.
उसने बताया कि दो जुलाई 2008 में माओवादी के मनोज नगेशिया के दस्ते में शामिल हुआ था. उस समय दस्ता में गुलशन, बबलू उरांव, दीपक साहू, अजय गंझू व तिलकमैन साहू थे. डेढ़ वर्ष तक माओवादी के दस्ते में काम किया़ उसे सिमडेगा जिले के जलडेगा जोन की जिम्मेवारी मिली थी, जिसमें उसका काम बैठक में माओवादियों के कार्य व जनहित में किये गये कार्यों की जानकारी देना था. इसी क्रम में रायडीह के मांझाटोली में निर्माणाधीन चेकपोस्ट उड़ाने में शामिल था.
चेक पोस्ट उड़ाने का नेतृत्व मनोज नगेशिया कर रहा था. भेड़ीकुदर में पुलिस मुखबिरी के आरोप में राजू तुरी की गला रेत कर हत्या में शामिल था, जिसका नेतृत्व अजय गंझू ने किया था. आंजन गांव में शांति सेना के सदस्यों पर हमला कर एक की हत्या में शामिल था, जिसका नेतृत्व सुशील गंझू कर रहा था. इस घटना को अंजाम देने लातेहार का दस्ता आया था. माओवादी को छोड़ने के बाद उसने अनिल सिंह ग्रुप में शामिल हुआ.
वर्ष 2009 के अगस्त माह में सिमडेगा के प्रिंस चौक में मनोज चौरसिया के भाई को गोली मार कर घायल करने में शामिल था. उसके साथ मंगल सिंह, अनिल सिंह व दिलीप सिंह थे. घटना को अंजाम देने के बाद वह बसिया आ गया, जहां पुलिस ने इसे आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. डेढ़ वर्ष जेल में रहने के बाद वर्ष 2011 में जेल से निकला और दिल्ली चला गया., जहां मार्डन टाउन होटल में नौकर का काम करता था.
दिल्ली से एक वर्ष के बाद लौटने के बाद ओड़िशा के बड़बिल चला गया. कुछ माह रहने के बाद वापस आकर रांची में रहने लगा. रांची में विवेक तिवारी से रंगदारी व लेवी मांगने व आर्म्स एक्ट में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वर्ष 2015 में वह जेल से छूटा और पीएलएफआइ में शामिल हुआ. पीएलएफआइ के दिनेश साहू के नेतृत्व में तीन माह काम किया, जिसमें 17 दिसंबर 15 को तुपुदाना स्थित सफायर इंटरनेशनल स्कूल के पीछे पुलिस से मुठभेड में दिनेश की मौत हो गयी थी. इससे बाद वह उसने पार्टी छोड़ दिया.
बसिया में आकर ख्रीस्तीय धर्म अपना कर प्रभु यीशु के वचनों को पढ़ कर उसने बुरा काम से तौबा करने का निर्णय लिया, जिसके कारण उसने आत्मसमर्पण किया. इस अवसर पर थाना प्रभारी चक्रवती राम, पालकोट थानेदार नित्यानंद महतो व कामडारा थानेदार बिनोद कुमार भी उपस्थित थे़.
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