पांच घंटे तक माओवादियों ने की बैठक की

पुलिस को भनक तक नहीं लगी चैनपुर प्रखंड से कुरुमगढ़ 12 किमी दूर है. बैठक में माओवादी के कई शीर्ष नेता थे. भाकपा माओवादियों ने दिन के 10 से अपराह्न तीन बजे तक कुरुमगढ़ को नजरबंद रखा. लोगों के बीच नक्सली साहित्य बांटा. माओवादी के नीति व सिद्धांत से ग्रामीणों को अवगत कराया. जबतक माओवादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2016 8:39 AM
पुलिस को भनक तक नहीं लगी
चैनपुर प्रखंड से कुरुमगढ़ 12 किमी दूर है.
बैठक में माओवादी के कई शीर्ष नेता थे.
भाकपा माओवादियों ने दिन के 10 से अपराह्न तीन बजे तक कुरुमगढ़ को नजरबंद रखा. लोगों के बीच नक्सली साहित्य बांटा. माओवादी के नीति व सिद्धांत से ग्रामीणों को अवगत कराया. जबतक माओवादी कुरुमगढ़ में रहे, गांव से वाहनों के निकासी पर रोक लगा दी. बस से यात्रियों को उतार कर उनका मोबाइल फोन ले लिया.
गुमला : चैनपुर प्रखंड से 12 किमी दूर कुरुमगढ़ को भाकपा माओवादियों ने शुक्रवार को पांच घंटे तक नजरबंद रखा. लोगों के साथ गांव में बैठक की, लेकिन गुमला पुलिस को माओवादियों की बैठक की भनक तक नहीं लगी. पुलिस का कहना है कि कोई बैठक नहीं हुई है. यह अफवाह है.
वहीं बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान लोगों के बीच नक्सली साहित्य बांटा गया. माओवादी के नीति व सिद्धांत से लोगों को अवगत कराया. गांव से निकलने वाले सभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी़ कुरुमगढ़ से रांची जाने वाली दो बसों को रोक लिया. बस की चाबी ले ली. यात्रियों को उतार कर गांव में बैठाये रखा. सभी का मोबाइल भी अपने पास रख लिया़ जबतक माओवादी रहे, यात्री गांव में ही बंधक बने रहे. बैठक खत्म करने के बाद जाते-जाते माओवादियों ने सभी यात्रियों को छोड़ दिया और उनका मोबाइल लौटा दिया. माओवादियों के गांव से निकलने के बाद वाहनों का परिचालन शुरू हुआ. इस बैठक में माओवादी के कई शीर्ष नेता उपस्थित थे. बताया जा रहा है कि बैठक की अध्यक्षता शीर्ष नेता भूषण यादव कर रहा था.
बंदूक के आगे सभी सहमे हुए थे
सूचना है कि सुबह दस बजे माओवादियों का दस्ता कुरुमगढ़ पहुंचा. पूरे गांव को चारों तरफ से घेर लिया. मुख्य सड़कों पर बंदूकधारी पहरा देने लगे. दूसरे गांव से आने वाले लोग आराम से गांव घुस रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें गांव से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा था. बाइक, साइकिल व पैदल चलने वालों को भी गांव में ही रोक दिया गया था. डर से लोग चुप थी. हालांकि नक्सलियों के डर से ग्रामीण कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.
बस मालिक ने बंधक से किया इनकार
इधर, गुमला के एक बस के मालिक ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है कि बस को रोका गया था या नहीं. कंडक्टर, चालक व खलासी ने मुझे कोई सूचना नहीं दी है, जबकि बस के चालक ने कुरुमगढ़ से निकलते ही सबसे पहले बस मालिक को फोन कर नजरबंद रखने की जानकारी दी थी़

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