सरकार के खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने मोरचा खोला
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघ के बैनर तले जिले भर के प्रतिनिधियों ने धरना दिया. 24 जून तक मांगें पूरी नहीं होने पर 25 जून को राज्यपाल के समक्ष उपवास पर बैठने का निर्णय लिया गया.
गुमला : सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के छह माह गुजर जाने के बाद भी अभी तक जनप्रतिनिधियों को हक व अधिकार नहीं मिलने से क्षुब्ध जनप्रतिनिधियों ने मोरचा खोल दिया है.
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघ के बैनर तले जिले भर के प्रतिनिधियों ने बुधवार को गुमला कचहरी परिसर में धरना दिया और अपनी नौ सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग की़ मांग पूरा नहीं होने पर 25 जून को राज्यपाल के समक्ष उपवास पर बैठने का निर्णय लिया.
मौके पर जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया़ चुनाव के छह माह गुजर जाने के बाद भी अभी तक सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया गया है. यहां तक कि जिला व प्रखंड स्तर पर सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले विकास कार्यों के बारे में भी जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार की सूचना नहीं दी जाती है. सरकार हमारे साथ उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाये हुए है.
सरकार को अपनी नीति में बदलाव करने की जरूरत है, ताकि विकास कार्यों में पंचायत प्रतिनिधि भी हाथ बंटा सकें. जिप अध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांग जायज है, इसलिए हम सभी आज अपनी एकता का परिचय देते हुए एक स्थान पर एकत्रित हुए हैं.
हमें अपने हक व अधिकार की प्राप्ति के लिए अपनी इस एकता को बनाये रखना है. उपाध्यक्ष केडी सिंह ने कहा कि यदि 24 जून तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो 25 जून को राज्यपाल के समक्ष उपवास पर बैठेंगे.
धरना-प्रदर्शन को जिप सदस्य सुबोध कुमार लाल, पूर्व राज्य मंत्री अशोक कुमार भगत, निर्मला कुजूर, प्रदीप सोरेंग, पूजा कुमारी, मनोज नायक, प्रशांता खलखो, चंद्रशेखर उरांव, कृपालता देवी, सरोज हेमरोम सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया. धरना-प्रदर्शन में जिले के सभी प्रखंड के जिप सदस्य, मुखिया, पंसस व वार्ड सदस्य शामिल थे.