इंटर में नामांकन के लिए पैसे नहीं थे, की आत्महत्या

भरनो प्रखंड के मोरगांव की गीता कुमारी प्रोजेक्ट हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. स्कूल से मार्क्सशीट निकालने में परेशानी हुई थी. इंटर में नामांकन के लिए पैसे नहीं थे. गीता कई दिनों से परेशान थी. माता -पिता दूसरे राज्य में ईंट भट्ठा में मजदूरी करते हैं. भरनो (गुमला) : भरनो प्रखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2016 6:27 AM
भरनो प्रखंड के मोरगांव की गीता कुमारी प्रोजेक्ट हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. स्कूल से मार्क्सशीट निकालने में परेशानी हुई थी. इंटर में नामांकन के लिए पैसे नहीं थे. गीता कई दिनों से परेशान थी. माता -पिता दूसरे राज्य में ईंट भट्ठा में मजदूरी करते हैं.
भरनो (गुमला) : भरनो प्रखंड के मोरगांव निवासी एतवा उरांव की बेटी गीता कुमारी (16 वर्ष) ने गरीबी के कारण गुरुवार की सुबह आत्महत्या कर ली. इस वर्ष वह मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इंटर में नामांकन कराने के लिए पैसे नहीं थे. उसने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. गीता खुद मजदूरी कर पढ़ाई करती थी. गीता के माता -पिता बिहार में ईंटभट्ठा में मजदूरी करते हैं. गीता की बड़ी बहन सीता कुमारी व छोटी बहन रीता कुमारी भी मजदूरी कर पढ़ाई करती हैं.
गीता की मौत से गांव में मातम है. गांव के लोगों ने कहा कि गीता काफी होनहार बच्ची थी. गरीबी के कारण वह इंटर में नामांकन कराने में असमर्थ थी. लोगों का कहना है कि पैसे के अभाव में उसने आत्महत्या की. बताया जा रहा है कि सीता व रीता घर से कहीं गयी हुई थी.
गीता घर पर अकेले थी. इस दाैरान उसने दुपट्टे से घर के अंदर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. गांव की बुद्धैन देवी ने सबसे पहले गीता को फांसी में लटका हुआ देखा. इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को सूचना दी. मुखिया बुद्धराम उरांव, वार्ड सदस्य मोहन उरांव व लखना पहान की उपस्थिति में शव को फांसी से उतारा गया.
गरीब होने के कारण गांव वालों ने गीता की मौत की जानकारी पुलिस को नहीं दी. ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस शव कब्जे में लेगी, तो केस होगा. पोस्टमार्टम कराना होगा, इसमें भी पैसा लगेगा. गीता के परिवार के पास पैसे नहीं है कि वे लोग इतनी परेशानी झेल सके. लोगों ने सामूहिक रूप से गीता का दाह संस्कार करने का निर्णय लिया.

Next Article

Exit mobile version