हादसे ने पैर छीन लिया, कैसे तय होगा आगे का सफर
गुमला : झारखंड राज्य के अलग होने के बाद भी रोजगार की तलाश में हजारों युवक-युवतियों का गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार पलायन जारी है. इसका जीता जागता उदाहरण है रघुनाथपुर निवासी टाना उरांव का पुत्र सुकरा उरांव. सुकरा जो रोजगार की तलाश में दिल्ली जा रहा था. परिवार के लिए सहारा बनने […]
गुमला : झारखंड राज्य के अलग होने के बाद भी रोजगार की तलाश में हजारों युवक-युवतियों का गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार पलायन जारी है. इसका जीता जागता उदाहरण है रघुनाथपुर निवासी टाना उरांव का पुत्र सुकरा उरांव. सुकरा जो रोजगार की तलाश में दिल्ली जा रहा था.
परिवार के लिए सहारा बनने की तलाश में दिल्ली जा रहा सुकरा आज खुद परिवार के लिए बोझ बन गया है. सुकरा दिल्ली जाने के क्रम में अपना दाहिना पैर गवां चुका है. जाने के क्रम में कानपुर में ट्रेन रूकने के बाद पानी भरने के लिए उतरा था.
पानी भरने के क्रम में अचानक ट्रेन के खुल जाने के बाद वह दौड़ कर ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पैर फिसल जाने से गिर पड़ा और ट्रेन की चपेट में आने से उसका दाहिना पैर कट गया.
जिसे कानपुर के रेलवे पुलिस द्वारा प्राथमिक उपचार करा कर ट्रेन से पटना भेज दिया गया और पटना के रेलवे पुलिस द्वारा पटना से गुमला बस बैठा कर गुमला भेज दिया. गुमला पहुंचने के उपरांत टेंपो से रघुनाथपुर मुरकुंडा ग्राम पहुंचा. सुकरा के मुरकुंडा ग्राम पहुंचने पर परिवार वालों ने उसे इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल में भरती कराया है.