गुमला : भरनो प्रखंड के पंडरानी गांव की सीतामुनी देवी ने गरीबी के कारण अपने नवजात को रांची की एक दंपती को बेच दिया था. नवजात को बेचने की जानकारी एक व्यक्ति ने सीडब्ल्यूसी को लिखित रूप से दी.
सीडब्ल्यूसी की पहल पर रांची की दंपती ने एक माह बाद नवजात को सीडब्ल्यूसी को साैंप गया. सीडब्ल्यूसी ने नवजात को अपने संरक्षण में लेते हुए उसे उसकी मां सीतामुनी को सौंप दिया. सीडब्ल्यूसी ने सीतामुनी को सख्त हिदायत दी है कि अगर बच्चे को कुछ हुआ, तो इस बार दोषी माता- पिता होंगे. सोनामती को निर्देश दिया गया कि बच्चे की अच्छी परवरिश करें. 25 जुलाई को पुन: बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा.
इस संबंध में सीडब्ल्यूसी के सदस्य अलख नारायण सिंह व धनंजय मिश्र ने बताया कि जब नवजात 21 दिन का था, तो उस समय उसकी मां सोनामती ने बच्चे को रांची के दंपती को बेच दिया था. इसकी लिखित शिकायत की गयी थी. इसके बाद रांची के दंपती को नोटिस भेज कर बच्चे को गुमला मंगवाया गया. नियम के तहत बच्चे को गोद दिया जायेगा. तब तक बच्चे को सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रख कर उसे उसकी मां को सौंपा गया है.