रायडीह : रायडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित संत अन्ना बालिका मवि विद्यालय मांझाटोली में मंगलवार को संत अन्ना पर्व मनाया गया.
मुख्य अधिष्ठाता फादर अजीत सारस की अगुवाई में पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित किया गया. सिस्टर जयमंती ने अपने संदेश में कहा कि मुक्ति के इतिहास में संत अन्ना का बहुत बड़ा योगदान है.
26 जुलाई 1897 में संत अन्ना समाज की उत्पति हुई. इस समाज की संस्थापिका माता बेरनादेत थीं. सह संस्थापिका सिस्टर सिसिलिया, सिस्टर बेरोनिका व सिस्टर मेरी थी. यह 119 वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है.
संत अन्ना समाज विशेष कर पांच चीजों पर कार्य करती है, जिसमें प्रेरिताई, शिक्षा, रोगियों की सेवा, समाज की सेवा व सुसमाचार प्रसारण शामिल है. संत दलित एवं पिछड़ी जाति की बालिकाओं के उत्थान पर कार्य करती है. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. मौके पर सि. पुष्पा खेस, सि. मरियम लकड़ा, सि. जसिंता कुजूर, सि. मंजरेलो, सि. अमृता, सि. स्वाति, फा. जॉन डुंगडुंग, फा. प्रदीप, फा. अभय, फा. विजय, फा. प्रेम प्रकाश सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं व शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे.