दो सैक सदस्य समेत 20 नक्सली भागे
12 हार्डकोर नक्सलियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी कोबरा-209 की तीन टीम ने घेराबंदी कर मारा है गुमला : पालकोट के बोराडीह जंगल में 11 सितंबर को कोबरा के साथ हुए मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य आशीष यादव मारा गया था. 19 से 20 माओवादी भाग निकले थे. पुलिस […]
12 हार्डकोर नक्सलियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी
कोबरा-209 की तीन टीम ने घेराबंदी कर मारा है
गुमला : पालकोट के बोराडीह जंगल में 11 सितंबर को कोबरा के साथ हुए मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य आशीष यादव मारा गया था. 19 से 20 माओवादी भाग निकले थे. पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में सैक के दो अन्य सदस्य विनोद पंडित व सौरभ दा बच गये थे. दस्ते के सदस्यों ने दोनों को मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकाला था.
इस मुठभेड़ में सबजोनल कमांडर गणोश लोहरा जो बोराडीह गांव का निवासी है. उसने ही सैक सदस्यों को सुरक्षित निकाला था. सूचना है कि अभी भी माओवादी बोराडीह व लौकी जमगई के सीमा पर स्थित घने जंगलों के बीच शरण लिये हुए हैं. हालांकि पुलिस लगातार उस इलाके में नजर रखे हुए है और छापामारी अभियान चला रही है. मंगलवार को एएसपी पवन सिंह के नेतृत्व में दोबारा पुलिस टीम उस इलाके में घुसी थी, परंतु माओवादी नहीं मिले.
माओवादी बंदी में विध्वंस की योजना थी
पुलिस द्वारा दर्ज केस के अनुसार, भाकपा माओवादी द्वारा बुलाये गये बंदी में आशीष दा का दस्ता क्षेत्र में किसी बड़ी विध्वंसक घटना को अंजाम देने की फिराक में थे. इसलिए माओवादियों का दस्ता उस क्षेत्र में जमा हुआ था. परंतु नक्सली किसी घटना को अंजाम देते, उससे पहले पुलिस पहुंची गयी और मुठभेड़ हुआ. इसमें आशीष मारा गया.
12 नामजद व पांच से सात अज्ञात पर केस दर्ज
पालकोट थाना प्रभारी नित्यानंद महतो ने बोराडीह जंगल में हुए मुठभेड़ व आशीष दा के मारे जाने के बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें 12 नक्सलियों पर नामजद व पांच से सात अज्ञात नक्सलियों पर मामला दर्ज किया गया है.
इसमें नामजद सैक सदस्य आशीष यादव, विनोद पंडित, सौरभ दा, सबजोनल कमांडर गणेश लोहरा, एरिया कमांडर अमर मुंडा, विश्वनाथ, समीर खड़िया, सुकरा खड़िया, दीपक उरांव, अजीत खड़िया, छट्टू उरांव है. एक महिला नक्सली करिश्मा थी. दर्ज केस के अनुसार, एक मात्र महिला नक्सली करिश्मा थी. आशीष के मारे जाने के बाद सभी सदस्यों ने भाग कर जान बचायी. दर्ज केस के अनुसार, कोबरा-209 बटालियन की तीन टीमों ने अलग -अगल दिशाओं से माओवादियों पर हमला किया था. इसमें कोबरा के कमांडेंट कमलेश कुमार सिंह, सहायक कमांडेंट विश्वदीप कपिल व मिथिलेश कुमार की तीन अलग अगल टीम थी.
एसडीओ व एसडीपीओ ने लिया बयान
दर्ज केस के अनुसार मुठभेड़ खत्म होने के बाद मजिस्ट्रेट के रूप में बसिया एसडीओ व साथ में एसडीपीओ पुलिस बल के साथ पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों से घटना के संबंध में पूछताछ की, तो ग्रामीणों ने बताया कि यहां माओवादी जमे हुए थे. पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद एक मारा गया और कई नक्सली भाग गये. गोली चलने की आवाज गांव तक सुनायी पड़ी थी.