मां ने कलेजे के टुकड़े को फेंका, दूसरे ने अपनाया

बिशुनपुर के सियारटोली टंगरा में बच्ची को फेंका गरीब बसंती देवी ने नवजात को दिया नया जीवन बेटियों की परवरिश व अच्छी शिक्षा के लिए सरकार न सिर्फ जागरूकता अभियान चला रही है, बल्कि अपने खर्च पर उन्हें पढ़ाने के साथ शादी भी करवा रही है. लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो बेटियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2016 1:32 AM
बिशुनपुर के सियारटोली टंगरा में बच्ची को फेंका
गरीब बसंती देवी ने नवजात को दिया नया जीवन
बेटियों की परवरिश व अच्छी शिक्षा के लिए सरकार न सिर्फ जागरूकता अभियान चला रही है, बल्कि अपने खर्च पर उन्हें पढ़ाने के साथ शादी भी करवा रही है. लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो बेटियों को बोझ समझ कर जन्म देने के बाद उन्हें फेंक देते हैं.
बिशुनपुर(गुमला) : सगी मां ने अपने कलेजे के टुकड़े (बेटी) को जन्म देने के बाद फेंक दिया. मामला बिशुनपुर प्रखंड का है. प्रखंड के सियारटोली टंगरा में बच्ची रो रही थी. जंगली जानवर बच्ची को क्षति पहुंचाते, उससे पहले एक गरीब महिला उसे अपने घर ले गयी. अभी बच्ची सकुशल है.
बच्ची को किसने व क्यों फेंका. इसका पता नहीं चला है. जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह को बिशुनपुर की बसंती देवी सियारटोली स्थित छेरया टंगरा के समीप से गुजर रही थी, तभी उसने टंगरा में किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनी. वह वहां पहुंची, तो कपड़ा में लिपटी एक बच्ची रो रही थी. बसंती ने आसपास बच्ची के माता-पिता को खोजने का प्रयास किया, लेकिन जब कोई नहीं पहुंचा, तो बसंती उस बच्ची को अपने घर ले आयी. बसंती ने कहा कि बच्ची को वह अपनी बेटी की तरह पालेगी.
पहले से बसंती के हैं तीन बच्चे
बसंती देवी के पहले से तीन बच्चे हैं. दो बेटा व एक बेटी है. बसंती ने कहा कि अब उसके चार बच्चे हो गये. पहले से एक बेटी थी. अब दूसरी बेटी भी आ गयी. उसने कहा कि क्या हुआ कि मैंने बच्ची को अपने कोख से जन्म नहीं दिया. लेकिन मैं इसे अपनी बेटी की तरह पालूंगी.

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