गुरु को जाने अभियान गुमला में फ्लॉप

गण को तंत्र की जानकारी रखने में उग्रवाद बाधा़ सूचना पट्ट लगाने का अंतिम डेट लाइन भी फेल हुआ. दुर्जय पासवान गुमला : स्कूली शिक्षा तंत्र की जानकारी गण (जनता) को हो, इसके लिए सरकार ने गुरु को जाने अभियान शुरू किया है. इसके तहत जिले के सभी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की पूरी जानकारी सूचना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2017 1:47 AM
गण को तंत्र की जानकारी रखने में उग्रवाद बाधा़
सूचना पट्ट लगाने का अंतिम डेट लाइन भी फेल हुआ.
दुर्जय पासवान
गुमला : स्कूली शिक्षा तंत्र की जानकारी गण (जनता) को हो, इसके लिए सरकार ने गुरु को जाने अभियान शुरू किया है. इसके तहत जिले के सभी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की पूरी जानकारी सूचना पट्ट में अंकित करनी थी. 26 जनवरी तक डेट लाइन तय किया गया था, लेकिन गुमला शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक किसी भी स्कूल में गुरु को जाने सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है. किसी भी स्कूल ने सरकार के आदेश का पालन नहीं किया है.
स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निर्देश दिया था, जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा था: स्कूल में गुरु को जाने अभियान के तहत शिक्षकों का प्रोफाइल चिपकायें. सूचना पट्ट में शिक्षक-शिक्षिकाओं की पूरी जानकारी होना अनिवार्य है, ताकि अभिभावकों के साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने शिक्षक व शिक्षिकाओं की जानकारी रख सकें.
इधर, इस मामले को स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार की सचिव आराधना पटनायक ने गंभीरता से लेते हुए गुमला उपायुक्त को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि गुरु को जाने अभियान के तहत शिक्षक-शिक्षिकाओं का सूचना पट्ट 26 जनवरी तक स्कूलों में जरूर लगवा लें. साथ ही जो स्कूल अभी तक अपने नाम का प्रोफाइल स्कूल के सूचना पट्ट में अंकित नहीं किये हैं, इसका जल्द से पालन करने के लिए कहा गया है.
सबसे ऊपर गुरु को जाने लिखना है : सूचना पट्ट में सबसे ऊपर गुरु को जाने लिखना है. इसके बाद स्कूल में जितने शिक्षक व शिक्षिका हैं, उनकी तसवीर, नाम, आधार संख्या, योग्यता रहेगा.
इसके बाद सबसे नीचे गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवा महेश्वर: लिखना है.उग्रवाद के कारण सूचना पट्ट नहीं लगाया : कुछ शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गुमला जिला उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है. 95 प्रतिशत से अधिक स्कूल उग्रवाद प्रभावित गांवों में स्थित हैं. अगर हम स्कूल के सूचना पट्टा में अपनी पूरी जानकारी देते हैं, तो इससे उग्रवादी या अपराधी हमें टारगेट कर सकते हैं. ऐसे कुछ शिक्षकों ने कहा कि हमलोग सूचना पट्ट में अपनी पूरी जानकारी देने की तैयारी कर रहे हैं. उसका शॉफ्टवेयर विभाग से मिलते ही सूचना पट्टा लगा देंगे.

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