मुआवजा नहीं बांटनेवाले कर्मियों का वेतन रोका
गुमला : अंचल कर्मियों की लापरवाही के कारण जिले के किसानों को फसल मुआवजे की राशि नहीं मिली. जबकि एक साल से 16 करोड़ रुपये सरकारी खाते में पड़े हैं. राशि बांटने में हो रहे विलंब को देखते हुए डीसी श्रवण साय ने जिले के आठ प्रखंड के कृषि पदाधिकारी, जनसेवक, सीआइ व कर्मचारी के […]
गुमला : अंचल कर्मियों की लापरवाही के कारण जिले के किसानों को फसल मुआवजे की राशि नहीं मिली. जबकि एक साल से 16 करोड़ रुपये सरकारी खाते में पड़े हैं. राशि बांटने में हो रहे विलंब को देखते हुए डीसी श्रवण साय ने जिले के आठ प्रखंड के कृषि पदाधिकारी, जनसेवक, सीआइ व कर्मचारी के वेतन पर रोक लगा दी है.
करीब 100 से अधिक कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है. डीसी का आदेश है कि पहले किसानों को मुआवजा राशि दें. इसके बाद ही वेतन मिलेगा. वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा की मार झेल चुके किसान मुआवजा राशि के लिए अंचल व डीसी कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. सरकार ने इस मद में पिछले साल 16 करोड़ रुपये आवंटित की थी.
वेतन रुका, तो सर्वे हुआ शुरू : डीसी द्वारा वेतन रोके जाने के बाद सभी अंचल के कर्मी आपदा से प्रभावित किसानों के आवेदन का सत्यापन कर मुआवजा देने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ अंचलों में मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. लेकिन अब भी कई अंचल अपने काम में पीछे चल रहे हैं.
वेतन क्यों रोका : पीड़ित किसानों ने बरबाद फसल की पूरी रिपोर्ट आवेदन के साथ अंचल कार्यालय में जमा किया है. कुछ जगहों को छोड़ अधिसंख्य अंचल कार्यालयों में किसानों के आवेदन का सत्यापन भी कर लिया गया है. इसके बावजूद अब तक मुआवजा राशि नहीं बंटी है. दूसरी ओर, अंचल के सरकारी खाते में जमा किसानों के 16 करोड़ रुपये का ब्याज लगातार बढ़ रहा है. परेशान किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी किया.
कोट
कामडारा में प्रभारी बीएओ हैं. अन्य 11 प्रखंडों में जनसेवक को बीएओ बनाया गया है. कृषि इनपुट की राशि अंचल कार्यालय से वितरित होनी है. राशि वितरित नहीं होने पर डीसी ने कार्रवाई कर वेतन रोका है.
अरुण कुमार सिंह, डीइओ, गुमला
कृषि इनपुट की राशि किसानों के बीच नहीं बांटने वाले बीएओ, जनसेवक, सीआइ व कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. मुआवजा राशि बांटने के बाद ही वेतन मिलेगा.
श्रवण साय, उपायुक्त, गुमला