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ड्राइवर नहीं, खलासी चला रहा था ट्रक

घाघरा(गुमला) : एक साल में 15 लोगों को पुल निगल चुका है. इसके बावजूद अभी तक पुल की रेलिंग को मजबूत नहीं बनाया जा रहा है. लोगों की माने, तो कमजोर रेलिंग के कारण यहां महीने में दो-तीन बड़े हादसे होते रहते हैं. गत 20 फरवरी को भी ओमिनी गाड़ी इसी प्रकार पुल के नीचे […]

घाघरा(गुमला) : एक साल में 15 लोगों को पुल निगल चुका है. इसके बावजूद अभी तक पुल की रेलिंग को मजबूत नहीं बनाया जा रहा है. लोगों की माने, तो कमजोर रेलिंग के कारण यहां महीने में दो-तीन बड़े हादसे होते रहते हैं. गत 20 फरवरी को भी ओमिनी गाड़ी इसी प्रकार पुल के नीचे जा गिरी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी. डेढ़ महीने में यह दूसरी घटना है.

लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन रेलिंग को मजबूत कर दें, तो कोई भी वाहन मोड़ में बेकाबू होने के बाद रेलिंग से टकरा कर पुल के नीचे गिरने से बच सकता है. लेकिन गुमला जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बैठक कर रहा है.

ज्ञात हो कि चीरोपाट गांव की कलावती, उसके पति सुकरा व बेटा घरेलू काम से घाघरा आ रहे थे. सेरेंगदाग क्षेत्र में बस नहीं चलती है. बॉक्साइट ट्रक ही आवागमन का साधन है. वे लोग ट्रक से घाघरा आ रहे थे. इधर, ट्रक चालक अनूप तुरी को नींद आने लगी, तो उसने खलासी सिकंदर लोहरा को ट्रक चलाने दे दिया. देवाकी बाबाधाम मोड़ के पास जैसे ही ट्रक पहुंचा. खलासी ने ट्रक से नियंत्रण खो दिया और ट्रक पुल के नीचे जा गिरा. पुल के बगल में ही चेकडैम बनवा रहे शिवनाथ व अन्य लोग पहुंचे.

जेसीबी से ट्रक को काट कर घायलों को निकालने का प्रयास किया गया. इसी क्रम में प्रभात खबर के प्रतिनिधि भी पहुंच गये. सभी के सहयोग से घायलों को बाहर निकाला गया, लेकिन तबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी थी.

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