रायडीह (गुमला) : रायडीह प्रखंड के हेसाग सेमरगढ़ा में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण में फरजीवाड़ा कर सरकारी राशि का गबन करने का मामला प्रकाश में आया है. प्रशासनिक स्वीकृति के आकार में तालाब की खुदाई नहीं की गयी है. फरजी मजदूरों के नाम से मस्टर रॉल भी तैयार किया गया है.
चार लाख 26 हजार 297 रुपये कीलागत से तालाब खोदा गया है, जिसमें आकार के अनुरूप तालाब नहीं खोद कर राशि की निकासी कर ली गयी है. इसमें ऊपर खटंगा के पंचायत सेवक लालदेव उरांव, रोजगार सेवक अबसेलम टोप्पो, मुखिया मुकेश खेरवार व वार्ड सदस्य के पति वासुदेव कुमार उर्फ दिनेश की मिलीभगत है. मनरेगा में फरजीवाड़ा का खुलासा बीडीओ डॉ शिशिर कुमार सिंह द्वारा गठित जांच कमेटी से हुआ है. बीडीओ के निर्देश पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रूपाली कुमारी व सहायक अभियंता जीवन कुमार भगत ने तालाब निर्माण की जांच की थी. जांच के बाद मामला प्रकाश में आया कि प्रशासनिक स्वीकृति के अनुसार 100 गुणा 100 गुणा 10 आकार में तालाब की खुदाई करनी है.
लेकिन पंसे, रोसे, मुखिया व वार्ड सदस्य के पति ने सरकारी राशि की बंदरबांट करने के लिए 50 गुणा 50 गुणा 10 के साइज में तालाब खोदा है. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद बीडीओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है. कार्रवाई के पहले चरण में पंचायत सेवक के एक दिन का वेतन रोकते हुए उसे निलंबित करने की अनुशंसा की गयी है. वहीं रोजगार सेवक पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मुखिया व वार्ड सदस्य के पति से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामला सही होने पर दोनों के खिलाफ रायडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.