स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, नव- सिखवा , भड़के प्रतिनिधि सुनायी खरी – खोटी

।।प्रतिनिधि।।गुमला : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को शनिवार को गुमला जिला के जिला परिषद सदस्यों के गुस्सा झेलना पड़ा. मंत्री ने जिप सदस्यों को नव-सिखवा बताया तो प्रतिनिधि मंत्री पर भड़क उठे. बाद में मामला को शांत कराया गया. यह वाक्या शनिवार को विकास भारती के सभागार में जिला बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 7:24 PM

।।प्रतिनिधि।।
गुमला : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को शनिवार को गुमला जिला के जिला परिषद सदस्यों के गुस्सा झेलना पड़ा. मंत्री ने जिप सदस्यों को नव-सिखवा बताया तो प्रतिनिधि मंत्री पर भड़क उठे. बाद में मामला को शांत कराया गया. यह वाक्या शनिवार को विकास भारती के सभागार में जिला बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति की बैठक के दौरान हुआ.

बैठक हंगामेदार हुई अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र वंशी ने की

बैठक में गुमला शहरी क्षेत्र में आवास योजना में गड़बड़ी पर मंत्री भड़क उठे. उन्होंने कहा कि सिटी मैनेजर को बरखास्त किया जायेगा. मंत्री ने नप के ईओ रामाशंकर राम को भरी बैठक में फटकार लगाये. वहीं जिन डीलरों द्वारा राशन नहीं बांटा जा रहा है या घोटाला कर रहे हैं. वैसे डीलरों का लाइसेंस रद्द करने हुए एफआई करने का निर्देश दिया गया.

बैठक से गायब रहने वाले कई विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं काम नहीं करने वाले अधिकारियों को फटकार लगायी गयी. बैठक शुरू होते ही पालकोट जिप सदस्य प्रदीप सोरेंग ने अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर मंत्री के समक्ष पहुंचे. तभी मंत्री ने उन्हें ज्ञापन में विधायक से अनुशंसा करने की बात करते हुए टालमटोल करने लगे. मंत्री ने कहा कि आप सभी जिप सदस्य नये नये चुनकर आये हैं.

आप लोगों को क्षेत्र की विकास कैसे होगी. इसकी जानकारी नहीं है. पहले आप लोग सरकारी नियम को जान लें. फिर काम करें. तो आप बेहतर काम कर सकते हैं. जिससे जिप सदस्य नाराज हो गये. जिप सदस्यों ने कहा यह बैठक महज खानापूर्ति है. बिशुनपुर जिप सदस्य सावित्री देवी ने जब आरइओ के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार सिंह पर क्षेत्र में घटिया सड़क निर्माण करने का आरोप लगाया, तो उन्होंने सावित्री देवी पर पैसे मांगने का आरोप लगा दिया.
यह देखते हुए तमाम जिप सदस्य उग्र हो गये. बैठक का बहिष्कार करने लगे. तब जाकर मंत्री ने मामले पर हस्तक्षेप कर कार्यपालक अभियंता को माफी मांगने को कहा. कार्यपालक अभियंता ने मंत्री की बात सुनने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगी. तब जाकर मामला शांत हुआ.

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