परम प्रसाद ईश्वर और मनुष्य को जोड़ने की कड़ी

उजला रविवार पर संत पात्रिक महागिरजा में विशेष मिस्सा पूजा गुमला : उजला रविवार पर गुमला के संत पात्रिक महागिरजाघर में 195 बच्चे-बच्चियों ने प्रथम परम प्रसाद ग्रहण किया. इससे पूर्व मुख्य अधिष्ठाता विकर जेनरल फादर सीप्रियन कुल्लू की अगुवाई में विभिन्न धार्मिक विधियों के बीच पवित्र मिस्सा पूजा की गयी़ फादर सीप्रियन ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2017 8:44 AM
उजला रविवार पर संत पात्रिक महागिरजा में विशेष मिस्सा पूजा
गुमला : उजला रविवार पर गुमला के संत पात्रिक महागिरजाघर में 195 बच्चे-बच्चियों ने प्रथम परम प्रसाद ग्रहण किया. इससे पूर्व मुख्य अधिष्ठाता विकर जेनरल फादर सीप्रियन कुल्लू की अगुवाई में विभिन्न धार्मिक विधियों के बीच पवित्र मिस्सा पूजा की गयी़
फादर सीप्रियन ने कहा कि ईश्वर भोजन के रूप में परम प्रसाद देते हैं. ईश्वर कहते हैं कि मैं स्वयं रोटी हूं. अर्थात मनुष्य भोजन के रूप में जो ग्रहण करता है वह मैं ही हूं. परम प्रसाद में मेमना को बलि चढ़ाया जाता है. परमपिता परमेश्वर के प्रिय पुत्र यीशु मसीह ने अपने जीवनकाल में स्वयं का बलिदान एक मेमना के रूप में देकर मानव जाति का उद्धार करने का काम किये.
परम प्रसाद ईश्वर और मनुष्य को जोड़ने का एक विधान है. जिस प्रसाद को मनुष्य ग्रहण करते हैं. वह प्रसाद स्वयं ईश्वर है. जब प्रसाद को ग्रहण करते हैं तो, ईश्वर को ग्रहण करते हैं.
परम प्रसाद संस्कार भी देता है. जो हमें ईश्वर से कृपा के रूप में प्राप्त होता है. परम प्रसाद हम सब को सामुदायिकता का पाठ पढ़ाता है. जो तोड़ना नहीं, बल्कि जोड़ना सीखाती है. ईश्वर के कृपा से हमें खाने के लिए आहार प्राप्त होता है. चूंकि हम सभी धार्मिकता से पोषित हैं. इसलिए ईश्वर हमें इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि हम भूखे-प्यासों, दीन-दु:खियों और गरीबों की सेवा करें. जो कमजोर है. उसे मजबूती प्रदान करें. उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि अभी आप सभी बच्चे धीरे-धीरे परिपक्व होंगे तो, समाज के प्रति आपकी जिम्मेवारी बढ़ेगी. आप केवल अपने घर और परिवार के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण कलीसिया के लिए हैं. मन लगा कर पढ़ाई करें. तरक्की करें. आगे बढ़ें और संपूर्ण कलीसिया समाज को मजबूती प्रदान करें. इस अवसर पर स्थानीय कोयर दल ने कोयर गीत प्रस्तुत किया. मौके पर पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का, फादर सुशील मिंज, फादर रामू, फादर नीलम, फादर मूनचंद, फादर अमृत तिर्की, फादर पॉल केरकेट्टा, फादर जोन अल्बर्ट बाड़ा सहित सैकड़ों की संख्या में ख्रीस्त विश्वासी उपस्थित थे.

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