सर, विद्यालय में नामांकन करा दें
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित टेमरकरचा गांव की पांच लड़कियों ने गुमला डीसी श्रवण साय से मुलाकात की और आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की गुहार लगायी है. लड़कियों ने कहा है कि टेमरकरचा स्कूल में वर्ग पांच तक पढ़ाई होती है. हमलोगों ने पांचवीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली. छठी […]
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित टेमरकरचा गांव की पांच लड़कियों ने गुमला डीसी श्रवण साय से मुलाकात की और आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की गुहार लगायी है. लड़कियों ने कहा है कि टेमरकरचा स्कूल में वर्ग पांच तक पढ़ाई होती है. हमलोगों ने पांचवीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली.
छठी कक्षा में नामांकन कराना है, लेकिन गांव के स्कूल में छठी कक्षा की पढ़ाई नहीं होती है. गांव से आठ किमी की दूरी पर जमटी गांव है. बीच में घना जंगल है. नक्सलियों का डर है, इसलिए लड़कियों ने किसी सुरक्षित स्कूल में पढ़ने की गुहार लगायी है.
लड़कियों की बात सुनने के बाद डीसी ने डीएसइ गनौरी मिस्त्री से फोन पर बात की. डीसी ने निर्देश दिया कि गुमला जिले के किसी भी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में सीट खाली है, वहां सभी पांचों लड़कियों का दाखिला करा दें. मौके पर डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा भी थे. उन्होंने बच्चियों से पूछा कि क्या आप पढ़ेंगी. इसपर लड़कियों ने कहा कि हम पढ़ना चाहते हैं. लड़की के अभिभावकों ने कहा कि हम गरीब हैं, प्रशासन ही मदद कर सकता है. इधर, डीसी के आश्वासन के बाद लड़कियां व उसके अभिभावक खुशी पूर्वक डीसी कार्यालय से निकले.
गरीब हैं, प्रशासन मदद करें
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय टेमरकचरा की छात्रा सीमा कुमारी, सलमी कुमारी, रेखा कुमारी, प्रतिमा कुमारी व प्रेमपति कुमारी शुक्रवार को स्कूल के प्राचार्य सिरिल कुजूर व अपने अभिभावकों के साथ गुमला पहुंची थी. डीसी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और प्राचार्य ने डीसी को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में लड़कियों ने कहा है कि हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए गांव से आठ किमी दूर जाना पड़ता है. विद्यालय जाने के लिए रास्ता नहीं है. घने जंगल के बीच से होकर जाना पड़ता है. पांचवीं के बाद आगे की पढ़ाई भी करने की इच्छा है, लेकिन घर की माली हालत भी ऐसी नहीं है कि अभिभावक हॉस्टल में रख कर पढ़ाई का खर्च उठा सके, इसलिए प्रशासन के पास हॉस्टल में नामांकन की गुहार लेकर आये हैं.