गुमला: जगरनाथ मंदिर के नीचे दबा हुआ है मंदिर का बड़ा हिस्सा, 355 साल पुराने धरोहर में छिपे हैं कई इतिहास

बताया जा रहा है कि, अभी जगरनाथ मंदिर का ऊपरी हिस्सा जो खंडहर हो गया है. उस खंडहर मंदिर के नीचे जमीन में मंदिर का एक बड़ा हिस्सा दबा हुआ है. ऊपर में मंदिर का छोटा हिस्सा दिखता है. परंतु, जमीन की खुदाई से मंदिर का बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना जतायी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 25, 2024 11:17 AM

गुमला: 355 साल पुराने प्राचीन धरोहर नवरत्नगढ़ में कई इतिहास छिपे हुए हैं, जिसे पुरातत्व विभाग खंगालने का प्रयास कर रहा है. जगह-जगह खुदाई की जा रही है, जिससे नागवंशी राजाओं से जुड़े इतिहास जो जमीन के नीचे दफन हैं, वह धीरे-धीरे निकल रहा है और 355 साल पुराने इतिहास की जानकारी दे रहा है. अभी पुरातत्व विभाग खराब मौसम के बीच खुदाई कर रहा है. हालांकि, मौसम खुदाई में बाधा बना हुआ है. इसके बाद भी पुरातत्व विभाग खुदाई को जारी रखे हुए हैं. इससे जमीन के नीचे दबे इतिहास को उजागर किया जा सके.

मंदिर के नीचे जमीन में मंदिर का एक बड़ा हिस्सा दबा हुआ

बताया जा रहा है कि, अभी जगरनाथ मंदिर का ऊपरी हिस्सा जो खंडहर हो गया है. उस खंडहर मंदिर के नीचे जमीन में मंदिर का एक बड़ा हिस्सा दबा हुआ है. ऊपर में मंदिर का छोटा हिस्सा दिखता है. परंतु, जमीन की खुदाई से मंदिर का बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना जतायी जा रही है. बता दें कि झारखंड राज्य का छोटानागपुर का इलाका ऐतिहासिक कहानियों से भरा पड़ा है. यहां की मिट्टी सैकड़ों सालों का इतिहास बयां करती है. जैसे-जैसे आप इसकी मिट्टी में रमते चले जाते हैं, यहां की कहानियां आपको रोमांचित करती हैं. छोटानागपुर के गुमला जिले में ऐसे-ऐसे राजा हुए, जो 355 सालों तक गुमला में शासन किये. मुगल सम्राट से भी लड़े. यह कहानी नागवंशी राजाओं की है, जो विश्व धरोहर से रूबरू है.

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नागवंशी राजाओं का शासन गुमला में

इनकी कहानियां आपको 300 सालों का इतिहास बतायेंगी. नागवंशी राजाओं का शासन गुमला में था, इसका गवाह नवरत्नगढ़ व पालकोट प्रखंड के जर्जर हुए लालगढ़ किले हैं. बताया जाता है कि नवरत्नगढ़ में बने कई भवन समय के साथ जमींदोज हो गये थे. क्योंकि, जिस समय नवरत्नगढ़ की स्थापना हुई थी. उस समय यहां चारों तरफ खाई थी, जो अब समतल जमीन हो गयी है. पुराने भवन जो बचे हैं. उस भवन के आसपास कई और प्राचीन व खुफिया भवन है, जिसका खुदाई कर निकालने का काम किया जा रहा है.

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