झारखंड के इस शहर में एक रुपया में मिलेगा स्टील के बर्तन का सेट
प्लास्टिक गिलास और थर्माकोल प्लेटों से निजात दिलाने के लिए झारखंड का पहला बर्तन बैंक गुमला में खुल रहा है. इस बैंक की खासियत है कि आपको एक रुपया में स्टील के बर्तन का सेट मिलेगा, लेकिन शर्त के अनुसार. नगर परिषद के इस अनूठी पहल से इस बैंक के संचालन का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूह का रहेगा,
Jharkhand News: प्लास्टिक मुक्त गुमला की तरफ एक कदम आगे बढ़ाते हुए नगर परिषद ने एक अनूठी पहल की है. यहां प्रदेश का पहला बर्तन बैंक खोला जा रहा है. दरअसल ज्यादातर लोग शादी-ब्याह, सालगिरह और बर्थ-डे पार्टी जैसे आयोजनों में भोजन-पानी सर्व करने के लिए थर्मोकोल प्लेट और प्लास्टिक गिलास जैसे सस्ते साधन उपयोग करते हैं और फिर उस आयोजन के बाद यही थर्माकोल और प्लास्टिक के बर्तन प्रदूषित कूड़ा बनकर शहर को गंदा करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसलिए प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तनों को मात देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर परिषद प्रशासन ने शहर के जरूरतमंद नागरिकों को स्टील के बर्तन उपलब्ध करवाने के लिए बर्तन बैंक खोलने का निर्णय लिया है. अर्थात नगर परिषद अपने खर्चे पर बड़ी संख्या में स्टील के थाली, गिलास, चम्मच, कटोरी आदि खरीदकर अपने स्तर पर भंडारण रखेगा तथा लोगों की मांग पर उन्हें कुछ शर्तों पर ये स्टील के बर्तन सेट उपयोग करने के लिए देगा. पार्टी संपन्न होने के बाद उनसे दोबारा वापस ले लेगा.
एक रुपया में एक सेट बर्तन मिलेगा
कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि इस बर्तन बैंक के जरिये लोग स्टील के बर्तनों को कुछ नियमों का पालन करके नाममात्र की प्रतीकात्मक शुल्क (सिर्फ एक रुपया प्रति सेट, एक सेट में स्टील के चार बर्तन रहेंगे) देकर इस्तेमाल करने के लिए ले जा सकते हैं. बताया कि इस बर्तन बैंक का संचालन का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूह का रहेगा, ताकि बर्तन के प्रतीकात्मक किराये से आने वाली राशि से संबंधित महिला समूह की आय में कुछ न कुछ वृद्धि हो सके.
बर्तन बैंक की ले सकते हैं मदद
संजय कुमार ने कहा कि शहर को साफ-सुथरा रखना और पर्यावरण की रक्षा करना हम सबका दायित्व है. इसलिए शादी विवाह, जन्मदिन आदि में प्लास्टिक, थर्माकोल आदि के बर्तन की बजाए स्टील के बर्तनों का प्रयोग करें. अगर आप स्टील के बर्तनों का खर्चा नहीं उठा सकते हैं, तो इसके लिए नगर परिषद के बर्तन बैंक की मदद ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बर्तनों को उपयोग करने के बाद ससमय इन्हें अच्छे से साफ-सुथरा कर नगर परिषद को वापस भी करना होगा. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदक को अपने आवेदन के साथ एक आइडी प्रूफ देना होगा. साथ ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या वार्ड पार्षद में से किसी एक का अनुशंसा पत्र लगाना होगा.
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बीपीएल के लिए मुफ्त
इओ ने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की मांग के अनुरूप नि:शुल्क बर्तन उपलब्ध कराये जाएंगे. अर्थात उन्हें एक रुपये की प्रतीकात्मक शुल्क भी नहीं देनी होगी. इसलिए इस बर्तन बैंक से गरीब तबके के लोगों को विशेष राहत मिलेगी.
नो प्लास्टिक की रखी जायेगी शर्त
संजय कुमार ने बताया कि जिन लोगों को निशुल्क या एक रुपये मामूली शुल्क के साथ स्टील के बर्तन उपलब्ध कराये जायेंगे. उनके सामने यह शर्त रखी जायेगी कि उनके आयोजन में प्लास्टिक या थर्माकोल के बर्तनों का उपयोग नहीं होगा.
1000 बर्तन सेट से शुरू हो रहा बैंक
संजय कुमार ने बताया कि नगर परिषद की बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है कि शुरुआती चरण में एक हजार सेट स्टील के बर्तनों के साथ बर्तन बैंक शुरू किया जाये. लोगों द्वारा मांग बढ़ी तो बर्तन सेट की इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकेगा.
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रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.