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ACB ने 4100 रुपये घूस लेते गुमला में LRDC ऑफिस की पेशकार और चपरासी को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गुमला में एलआरडीसी ऑफिस की पेशकार एवं चपरासी को गिरफ्तार किया है. जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी देने के नाम पर शिकायतकर्ता दिव्यांग छंदू उरांव से 4100 रुपये की मांग की थी. शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है.

Jharkhand news: गुमला में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau- ACB) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है. LRDC ऑफिस की पेशकार सह एसडीओ ऑफिस की हेड क्लर्क वीणा देवी और चपरासी के पद कार्यरत मजीदन बीबी को एसीबी ने 4100 रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया है. जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी देने के नाम पर शिकायतकर्ता दिव्यांग छंदू उरांव से रुपये की मांग की थी. घूस की शिकायत मिलने पर एसीबी की टीम ने फिल्मी अंदाज में इस कार्रवाई को अंजाम दिया. शुक्रवार को एसीबी की टीम गुमला में सत्तू पी और मंगलवार को घूसखोर को धर दबोचा.

क्या है मामला

दिव्यांग छंदू उरांव ने गुमला निवासी अमर कुमार को अपनी जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी देने के लिए आवेदन किया था. लेकिन, पेशकार वीणा ने छंदू से घूस की मांग की थी. इसके बाद छंदू ने इसकी शिकायत एसीबी से किया. एसीबी ने पहले मामले की जांच की. इसके बाद मंगलवार को डीएसपी सहदेव साह, इंस्पेक्टर गुलाम शाहिद एवं मजिस्ट्रेट विशाल के नेतृत्व में एसीबी की 21 सदस्यीय टीम गुमला पहुंची. छंदू ने जैसे ही कार्यालय में जाकर वीणा देवी को 4100 रुपये घूस दिया. एसीबी की टीम धावा बोली और उसे पकड़ लिया. वीणा देवी को जब एसीबी पकड़ी, तो उन्होंने रुपये अपनी चपरासी मजीदन बीबी को दे दी. इसलिए एसीबी ने वीणा के साथ मजीदन बीबी को भी गिरफ्तार किया है.

आधा घंटा तक क्वार्टर में तलाशी

कार्यालय से वीणा देवी और मजीदन बीबी को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम वीणा देवी के सरकारी क्वार्टर पहुंची. जहां करीब आधा घंटा तक घर की तलाशी ली. घर से कई सरकारी दस्तावेज मिले हैं, जिसे एसीबी ने जब्त कर लिया. इंस्पेक्टर गुलाम शाहिद ने कहा कि दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए रांची ले जाया गया है. यहां सीनियर अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.

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फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी

एसीबी ने फिल्मी स्टाइल में गुमला में घूसखोर को दबोचा है. एक सप्ताह पहले एसीबी के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत मिली थी कि एलआरडीसी ऑफिस की पेशकार द्वारा जमीन के पावर ऑफ अटॉर्नी देने के नाम पर घूस की मांग की गयी है. इस शिकायत पर बीते शुक्रवार को एसीबी के इंस्पेक्टर गुलाम शाहिद अंसारी अपनी टीम के साथ गुमला आये थे. घंटों तक गुमला में रुके थे. कचहरी परिसर मे सत्तू पिया था. इसके बाद जमीन का काम कराने के संबंध में पेशकार वीणा देवी घूस लेती है या नहीं. इसकी जांच पड़ताल की थी. एसीबी की टीम उस समय अनजान बनकर एवं जमीन खरीदार बनकर आये थे. इंस्पेक्टर गुमला शाहिद ने सत्तू पीते हुए वीणा देवी के संबंध में कई जानकारी जमा किये. इसके बाद वे वापस रांची लौट गये.

घूस लेने की पुष्टि हुई

प्राथमिक जांच में घूस मांगने की बात की पुष्टि होने के बाद वीणा देवी को घूस की रकम के साथ रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनायी गयी. जमीन मालिक दिव्यांग छंदू उरांव ने पेशकार वीणा देवी को मंगलवार के दिन 4100 रुपये घूस देने की बात कही थी. इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से एसीबी की टीम भी मंगलवार की सुबह को गुमला पहुंची. दिन के 10 बजे कार्यालय खुलने के बाद दिन के 11 बजे छंदू उरांव कचहरी परिसर स्थित पेशकार के कार्यालय में गया और 4100 रुपये घूस दिया. तभी एसीबी की टीम भी पीछे से कार्यालय में घुसी और वीणा देवी को पकड़ ली. लेकिन, वीणा ने एसीबी की टीम को देखकर पैसा पियून मजीदन बीबी को थमा दी. इसलिए एसीबी ने वीणा के साथ मजीदन बीबी को भी पकड़ ली. इंस्पेक्टर ने बताया कि पेशकार को जो पैसा दिया गया था. उसमें केमिकल लगा हुआ था. इसलिए पेशकार व पियून के हाथ को केमिकल के पानी से धुलवाया गया तो उससे रंग छूटने लगा.

एसीबी की कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप

एसीबी की कार्रवाई के बाद गुमला में हड़कंप मच गया. कर्मचारी मामले की जानकारी लेने के लिए एसीबी के इर्द-गिर्द भटकते नजर आये. दिन के 1:00 बजे तक एसीबी की टीम वीणा देवी के घर की जांच करते रही. एसीबी को शक था कि वीणा देवी घूस का और पैसा अपने घर में कहीं जमा करके रखी होगी. इसलिए एसीबी की टीम वीणा देवी व मजीदन बीबी को लेकर वीणा देवी के सरकारी क्वार्टर में गयी. जहां आधा घंटे तक घर की तलाशी ली गयी. हालांकि तलाशी के दौरान क्वार्टर में पत्रकारों के घुसने पर रोक था. परंतु अंदर से बक्शा की चाभी मांगने पर चाभी नहीं मिला तो बक्शा को तोड़ा गया. एसीबी ने कई कागजात जब्त किया है. इंस्पेक्टर गुलाम शाहिद ने कहा कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है. एसीबी को वीणा देवी के खिलाफ शिकायत मिली थी. परंतु जब एसीबी ने वीणा को पकड़ा तो वीणा ने घूस का पैसा अपने पियून मजीदन बीबी को दे दी. इसलिए वीणा के साथ मजीदन बीबी को भी पकड़ा गया है.

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गुमला के अधिकारी फोन नहीं उठाये

एसीबी ने दो लोगों को पकड़ने के बाद जिले के कई अधिकारियों को फोन किया. परंतु जिले के किसी भी अधिकारी ने एसीबी का फोन नहीं उठाया. इसलिए एसीबी ने अपने स्तर से कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मियों को पकड़कर रांची ले गयी. यहां बता दें कि मंगलवार को चैनपुर व बसिया प्रखंड में पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती हो रही थी. इसलिए सभी अधिकारी दोनों प्रखंड क्षेत्र में डयूटी पर थे. आशंका व्यक्त कि जा रही है कि डयूटी में रहने के कारण ही अधिकारियों ने एसीबी के अधिकारियों का फोन नहीं उठाया.

एंटी करप्शन ब्यूरो की 2017 से अबतक की कार्रवाई

– 22 मार्च 2017 को एसीबी की टीम ने बिजली विभाग के एसडीओ अभय मोहन सहाय व क्लर्क दिलीप कुमार को 4500 रुपये घूस लेते पकड़ा था. शिकायतकर्ता पालकोट के रिजवान से नया बिजली कनेक्शन के नाम पर घूस मांगा गया था.
– 18 मई 2017 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची की 16 सदस्यीय टीम ने सिसई अंचल के हल्का कर्मी रविंद्र कुमार झा को एक हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा था. बरटोली गांव निवासी सिमेंट विक्रेता भरत महतो ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के आरक्षी अधीक्षक को जमीन की दाखिल खारिज को लेकर हल्का कर्मी रविंद्र कुमार झा द्वारा घूस मांगने की शिकायत की थी.
– 12 सितंबर 2017 को एसीबी ने घाघरा प्रखंड के पंचायत सेवक दिगंबर को कूप निर्माण में दस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था. अब पंचायत सेवक दिगंबर केस से बरी हो गये हैं और पुन: ड्यूटी पर हैं.
– 23 नवंबर 2017 को घाघरा अंचल के सीआई शाहिद अनवर को चार हजार रुपये घूस लेते पकड़ा गया था. जमीन मोटेशन कराने के नाम पर घूस ले रहा था.
– 05 जून 2018 को गुमला के श्रम अधीक्षक रंजीत कुमार तीन हजार रुपये घूस लेते पकड़ाया था. वह अपने ही पर्यवेक्षक से घूस ले रहा था.
– 30 मार्च 2019 को पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता रमेश लोहरा एक लाख रुपये घूस लेते गिरफतार हुआ था. वह एक ठेकेदार से घूस ले रहा था.
– 21 नवंबर 2019 को बसिया प्रखंड की सीडीपीओ अर्पणा कर्मकार 25 हजार रुपये घूस लेते पकड़ी गयी थी. आंगनबाड़ी सेविका चयन में सीडीपीओ घूस ले रही थी.
– 11 फरवरी 2022 को घाघरा प्रखंड के मनरेगा बीपीओ विपिन कुमार को एसीटी ने पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ा था. उसपर आंगनबाड़ी कार्य को लेकर 15 हजार रुपये घूस मांगने का आरोप लगा था.


रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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