रॉयल्टी, जीएसटी व डीएमएफटी की राशि वसूली का काम तेज, तैयार हो रही रिपोर्ट गुमला. गुमला जिले में मनरेगा अंतर्गत निबंधित वेंडरों (आपूर्तिकर्ता) द्वारा देय रॉयल्टी, जीएसटी व डीएमएफटी की राशि वसूली की दिशा में काम तेज हो गया है. अभी वेंडरों द्वारा देय रॉयल्टी, जीएसटी व डीएमएफटी की राशि की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. सूचना मिल रही है कि रिपोर्ट तैयार करने के साथ कार्रवाई करने की भी तैयारी चल रही है. अभी कुछ प्रखंडों की रिपोर्ट तैयार हुई है, जबकि शेष प्रखंडों की रिपोर्ट तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है. सर्वप्रथम नियमानुसार सभी वेंडरों को पत्र जारी कर राशि जमा करने के लिए कहा जायेगा. इसके बाद भी यदि वेंडर राशि जमा नहीं करते हैं, तो संबंधित वेंडर के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उक्त वेंडर को काली सूची में भी डाल दिया जायेगा. ज्ञात हो कि मनरेगा अंतर्गत निबंधित वेंडरों को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में मनरेगा योजनाओं के कार्यों में आपूर्ति किये गये बालू, ईंट, चिप्स, पत्थर, मोरम आदि का नियमानुसार राशि का भुगतान किया गया है. परंतु वेंडरों द्वारा राशि का किये गये भुगतान का नियमानुसार रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि जमा करने में रूचि नहीं दिखायी जा रही है. इस कारण वेंडरों के पास सरकार का टैक्स करोड़ों रुपये फंसा हुआ है. वेंडरों को राशि भुगतान की जांच अनुमंडल पदाधिकारी सह निदेशक, लेखा प्रशासन व स्वनियोजन डीआरडीए गुमला की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जांच दल द्वारा कराया गया है. जांच में पाया गया कि वेंडरों द्वारा नियमानुसार टैक्स व रॉयल्टी जमा नहीं किया जा रहा है. इस कारण राज्य सरकार को वित्तीय हानि हो रही है. इसके बाद जिला स्तरीय जांच दल द्वारा गुमला जिला अंतर्गत भरनो, सिसई, पालकोट, बसिया, कामडारा, रायडीह, डुमरी, जारी, घाघरा व बिशुनपुर प्रखंड के वेंडरों को किये गये भुगतान व उसकी रॉयल्टी, जीएसटी व डीएमएफटी की राशि की गणना की गयी है. गणना के बाद अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है. सदर प्रखंड गुमला व चैनपुर प्रखंड की रिपोर्ट पूर्व में ही तैयार करने के बाद दोनों प्रखंडों के सभी वेंडरों को पत्र के माध्यम से राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है.
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