गुमला : मंदिर परिसर में बनी दुकान को सील करने पहुंचा प्रशासन, विरोध के बाद वापस लौटे अधिकारी
गुमला शहर के पुराने नगरपालिका के समीप स्थित मंदिर परिसर में बनीं दुकान को सील करने पहुंचे नगर परिषद के पदाधिकारियों व पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण दुकानों को बिना सील किये अधिकारी व पुलिस को वापस लौटना पड़ा.
गुमला, दुर्जय पासवान. गुमला शहर के पुराने नगरपालिका के समीप स्थित मंदिर परिसर में बनीं दुकान को सील करने पहुंचे नगर परिषद के पदाधिकारियों व पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण दुकानों को बिना सील किये अधिकारी व पुलिस को वापस लौटना पड़ा. अंत में देर शाम को नगर परिषद कार्यालय में बैठक हुई. जिसमें निष्कर्ष निकला कि महावीर मंदिर के कागजात को 15 दिन के अंदर नगर परिषद में जमा किया जाये. इससे स्पष्ट होगा कि मंदिर परिसर में बनीं दुकानें मंदिर की है या फिर सरकारी जमीन पर दुकान बना दिया गया है. बता दें कि प्रशासन का तर्क है कि सरकारी जमीन पर दुकान बना दिया गया है और गलत तरीके से उसका भाड़ा कुछ लोग उठा रहे हैं. जबकि महावीर मंदिर के लोगों का तर्क है कि दुकान मंदिर परिसर की जमीन पर बनायी गयी है. इसमें किसी प्रकार का अवैध कब्जा जमीन पर नहीं किया गया है.
मंदिर समिति को 15 दिन की मोहलत
प्रशिक्षु आइएएस सह नगर परिषद के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी आशीष गंगवार सोमवार को दोपहर में पटेल चौक के समीप स्थित महावीर मंदिर परिसर में बने दुकान को सील करने पहुंचे थे. साथ में थानेदार विनोद कुमार व पुलिस बल के जवान थे. देखते ही देखते यह खबर शहर में फैल गयी और सैकड़ों की संख्या में लोग जुट गये. इस दौरान काफी हाई वोल्टेज ड्रामा चला. कई महिलाएं मंदिर परिसर पहुंच कर भजन कीर्तन करने लगी. इस क्रम में लोगों द्वारा निवेदन करने के बाद प्रभारी इओ वहां से बिना दुकानों को सील किये लौट गये.
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शाम चार बजे मंदिर के पदाधिकारियों के साथ बैठक
इसके बाद लोगों की सहमति से शाम चार बजे मंदिर के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई. जहां मंदिर में बने दुकान को लेकर चर्चा की गयी. इस दौरान पदाधिकारियों ने मंदिर से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने को कहा, जिस पर मंदिर के पदाधिकारियों ने 10 से 15 दिन के अंदर कागजात प्रस्तुत करने की बात कही. इस पर प्रशिक्षु आइएएस ने स्वीकृति देते हुए तय समय में कागजात देने की बाते कही है. तब तक मंदिर के दुकानों में ताला नहीं लगाया जायेगा. वहीं, कागजात प्रस्तुत करने के उपरांत मंदिर के कागजात का सत्यापन किया जायेगा. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई किया जायेगा. बैठक में शशिप्रिया बंटी, अनिकेत कुमार, अमित पोद्दार, सत्यनारायण साहू, दामोदर कसेरा, सोनल केसरी, सत्ता पटेल, शैल मिश्रा, अरूण केसरी, बबलू वर्मा समेत अन्य मौजूद थे.