दुर्जय पासवान
गुमला : दूसरे राज्य से आए 15 मजदूरों को प्रशासन ने विज्ञान भवन गुमला के होम क्वारेंटाइन में रखा था. यहां 14 दिनों तक मजदूरों को रखना था. परंतु यहां खाने पीने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण 15 लोग भाग गए. यह मामला तब प्रकाश में आया जब होम क्वारेंटाइन में रह रही एक महिला ने फोन कर भोजन की गुहार लगायी.
महिला ने कहा कि खाने पीने की व्यवस्था नहीं है. जिससे बच्चे भूखे रो रहे हैं. इसकी सूचना तुरंत जीवन संस्था को दी गयी. जीवन संस्था के अनिकेत कुमार ने तुरंत पहल कर अपने सहयोगियों की मदद से होम क्वारेंटाइन में भोजन भेजवाया. परंतु भूख से परेशान सभी लोग वहां से तब तक भाग गए. जबकि गुमला प्रशासन का कहना है कि यहां खाने पीने की सब व्यवस्था की गयी थी.
परंतु होम क्वारेंटाइन में रह रहे मजदूरों ने कहा कि हमें कोई पूछने तक नहीं आ रहा था. हमारे पास पैसा भी नहीं है कि बच्चों के लिए भोजन खरीद सके. वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने कहा कि कुछ लोग दोपहर में ही भागे थे. कुछ लोग बच्चों की भूख से परेशान होकर भाग गए.
बता दें कि होम क्वारेंटाइन में उन्हीं लोगों को रखा गया है जो दूसरे राज्य से आए हैं. ऐसे में इन सभी लोगों के भागने से अगर किसी में एक भी लक्षण मिल जाता है तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि होम क्वारेंटाइन में पानी, शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. वहां पर रहने वाले लोग अक्सर पेशाब व शौच के लिए कमरे से बाहर निकल जाते थे. जिससे उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखने का कोई मतलब नहीं है. इधर भागे हुए सभी 15 लोगों को प्रशासन खोज रही है.